लोक परब पोला पर्व पर विधायक ने दी क्षेत्रवासियों को बधाई

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धमतरी|  पोला पर्व छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति का खेती किसानी, किसानों की खुशहाली और विश्वास का प्रतीक जनमानस का पर्व है क्षेत्र में बड़े उल्लास के साथ यहां पर मनाया जा रहा है। पोरा तिहार, पोरा अर्थात पोर फूटना (पोटराना)। धान में गर्भधारण की अवस्था धान के पौधे पूर्ण रूप से परिपक्व होने पर गर्भधारण (पोटराने) की खुशी में मनाया जाने वाला त्योहार का नाम पोरा है। पोरा के समय से ही धान गर्भित अवस्था मे आता है, इसी लिए ग्रामीण अंचलों में किसान पोरा के पहली रात को गर्भही मनाते है और गर्भही पूजा करते है।

उक्त बातें विधायक रंजना साहू ने क्षेत्रवासियों को हमारी छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति कि पहचान पोला पर्व पर बधाई देते हुए कही। श्रीमती साहू ने आगे कहा कि किसानों के द्वारा अपने घर पर कृषि कार्य समपन्न होने के बाद बैल को बड़ी सुंदरता के साथ सजावट कर पूजा अर्चना कर पावन पोला पर्व को मनाते हैं, इसे किसानों की खुशी व उन्नति का पर्व भी माना जाता है। बहुत से अंचलो में आज के दिन बैल दौड़ के साथ विभिन्न लोग पारंपरिक खेलों का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया जाता है जिसमें पुरुष के साथ-साथ महिला शक्ति भी इस कार्यक्रम में भाग लेती है,। खुशहाली सुख समृद्धि के लोक पर्व हमारी छत्तीसगढ़ राज कि पहचान है।