राजौरी में पाकिस्तान की हिमाकत, सीमा पार फायरिंग में सेना का हवलदार शहीद

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श्रीनगर |  जम्मू-कश्मीर के राजौरी के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान ने एक बार फिर से सीजफायर नियमों का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की है. पाकिस्तान की तरफ से की गई इस गोलीबारी में एक भारतीय जवान शहीद हो गया है. जानकारी के मुताबिक पाक की गोलीबारी में एक आर्मी हवलदार शहीद हो गए हैं. भारत की तरफ से पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब दिया जा रहा है. पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में उरी सेक्टर से लेकर गुरेज सेक्टर के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई स्थानों पर सीजफायर का उल्लंघन किया था. पाकिस्तान की तरफ से की गई इस गोलीबारी में चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.

इसके साथ ही छह और लोगों की जानें भी गई थीं. उरी में विभिन्न स्थानों केअलावा, बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में भी संघर्ष विराम के उल्लंघन की सूचना मिली थी, जिसके बाद झूठी सफाई को लेकर भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी . भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस भ्रामक है और यह भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने की नीति का हिस्सा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से भारत पर सीजफायर उल्लंघन के आरोप के साक्ष्य का कोई वजूद नहीं है. ये साक्ष्य झूठे और बनावटी हैं. पाकिस्तान के इस पैंतरे से दुनिया वाकिफ है और पाक सरजमीं का इस्तेमाल आतंक के पालन पोषण के लिए होता है यह बात पाकिस्तानी सरकार खुद मान चुकी है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक आतंक का चेहरा रहा ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही पाया गया था. इमरान खान संसद में उसे शहीद बता चुके हैं. उन्होंने पाकिस्तान में 40 हजार आतंकी होने की बात खुद स्वीकार की है. पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री ने गर्व के साथ इस बात को कबूल किया था कि जिस पुलवामा आतंकी हमले में भारत के 40 जवान शहीद हुए थे उसमें पाकिस्तान का हाथ था. सीजफायर उल्लंघन को लेकर 2003 में हुए समझौते को मानने की बजाए पाकिस्तानी सेना आतंकियों के घुसपैठ के लिए लगातार सीमा पर गोलीबारी करती रहती है. आतंकियों को हथियार मुहैया कराना और एलओसी के आसपास के इलाके में आतंकी गतिविधियों का संचालन बिना पाकिस्तानी सेना के समर्थन के संभव नहीं है और पाकिस्तान लगातार ऐसा करता आया है.