मुझे उम्मीद है कि पांचवें दिन अश्विन और जडेजा ज्‍यादा ओवर फेंकेंगे: आकाश चोपड़ा

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नई दिल्ली । पोर्ट ऑफ स्पेन में दूसरे टेस्ट के पांचवें दिन दिलचस्प समापन के लिए मंच तैयार है। वेस्टइंडीज को जीत के लिए अभी भी 289 रनों की जरूरत है और उसके आठ विकेट बाकी हैं।  बारिश से बाधित चौथे दिन 365 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम ने स्‍टंप्‍स तक दो विकेट के नुकसान पर 76 रन बना लिए थे। टैगेनरीन चंद्रपॉल (24 रन) और जर्मेन ब्लैकवुड (20 रन) पर नाबाद हैं। इससे पहले, तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 60 रन देकर वेस्‍टइंडीज को पांच झटके दिए जिससे उनकी पूरी टीम पहली पारी में 255 रन पर सिमट गई। इसके बाद, कप्तान रोहित शर्मा (57) और विकेटकीपर ईशान किशन (नाबाद 52) ने तूफानी पारियां खेलीं, जिससे भारत ने अपनी दूसरी पारी दो विकेट के नुकसान पर 181 पर घोषित कर दी।

मौजूदा परिस्थितियों में मेजबान टीम को क्या रणनीति अपनानी चाहिए? जियो सिनेमा विशेषज्ञ, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा, “यह इस पर निर्भर करता है कि वे वास्तव में क्या सोच रहे हैं। अगर उन्हें यह गेम जीतना है तो उन्हें थोड़ा आक्रामक क्रिकेट खेलना होगा। लेकिन अगर वे सिर्फ इस खेल को ड्राॅ करने के बारे में सोच रहे हैं, और इसे एक जीत के रूप में देखते हैं तो अलग बात है। उन्होंने यही किया है। इसलिए, मैं एक बार फिर उनसे उम्मीद करता हूं कि वे आराम से टिक कर खेलेंगे और रन बनाने के लिए ढीली गेंदों का इंतजार करेंगे। यह कोई बढ़िया रणनीति नहीं है लेकिन वेस्टइंडीज़ ऐसा कर सकता है। चोपड़ा ने कहा, मौजूदा हालात में आर. अश्विन और रवींद्र जड़ेजा की भारतीय स्पिन जोड़ी के अंतिम दिन अहम भूमिका निभाने की संभावना है। “वेस्‍टइंडीज की दूसरी पारी में दोनों विकेट अश्विन को मिले हैं। पांचवें दिन की पिच पर जड़ेजा हमेशा खतरा बने रहते हैं। इसलिए, मैं उनसे उम्मीद करता हूं कि अगर खेल इतना आगे तक जाता है तो वे दूसरे या तीसरे सत्र में एक साथ काफी ओवर फेंकेंगे क्योंकि भारतीय टीम भी इस बारे में सोचना शुरू कर देगी कि कितने ओवर बचे हैं और वे कितने ओवर कर सकते हैं क्योंकि ये दोनों स्पिनर वास्तव में दोगुनी तेजी से अपने ओवर डाल सकते हैं। तो, हाँ, उनसे कुछ विकेटों की उम्मीद है।”
उनका यह भी मानना है कि विकेट पर अभी भी बल्लेबाजों के लिए कुछ मदद है। उन्‍होंने कहा, “यह पिच आपकी पारंपरिक पांचवें दिन की पिच नहीं है जो वास्तव में तेजी से खराब होती है। यह एक ऐसी सतह है जहां यदि आप अपना विकेट आसानी से नहीं गंवाने की ठान लेते हैं तो लंबी पारी खेल सकते हैं। हो सकता है, कभी-कभार एक अच्छी गेंद पड़ जाए, लेकिन वास्तव में इससे बल्‍लेबाज की रातों की नींद खराब नहीं होनी चाहिए।”