बंजर भूमि में समूह की महिलाओं ने उगाई सब्जी, आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की 

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धमतरी | छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी ऐला बचाना हे संगवारी ये छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण सुराजी योजना है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्रदाय किया जा रहा है तथा समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर एवं बाड़ी विकास की संकल्पना को साकार कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता के द्वार खोल रहे हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार मूलक कार्य उपलब्ध कराकर समूह की महिलाओं की मुश्किलें आसान की।

कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता गांधी के निर्देशन में ग्राम पंचायत भटगांव द्वारा लगभग 3 एकड़ बंजर भूमि में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के सहयोग से चारागाह विकसित किये जाने के कार्ययोजना तैयार कर कार्य को नया स्वरूप दिया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं 14वें वित्त आयोग से 02 लाख 20 हजार रूपये के प्रशासकीय स्वीकृति की गई। सिंचाई व्यवस्था हेतु क्रेडा विभाग से पम्प कनेक्शन एवं तकनीकी मार्गदर्शन उद्यानिकी विभाग द्वारा दिया गया तथा रिक्त पड़ी बंजर भूमि में लेमनग्रास की खेती करने जय भवानी महिला स्वसहायता समूह की श्रीमती किरणमाला, श्रीमती चन्द्रिका साहू, श्रीमती रेखा बाई, श्रीमती खेमिन साहू, श्रीमती प्रेमा साहू, श्रीमती पार्वती यादव, श्रीमती सुलोचना, श्रीमती हीरा साहू, श्रीमती मनेश्वरी, श्रीमती अनीता बाई कुल 10 महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई। वहीं उद्यानिकी विभाग द्वारा उक्त भूमि में रोपे गये लेमनग्रास के साथ-साथ लगभग 1 एकड़ भूमि में सामूहिक बाड़ी की शुरूआत की गई जिसमें अंतरवर्ती जगहों में करेला, बरबट्टी, कुंदरू, भिंडी, बैगन की फसल जैविक पद्धति से विशेष प्राथमिकता के साथ समूह की महिलाओं द्वारा लगाई गई।

आज उत्पादित यही सब्जी-भाजी महिला समूह की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ ग्रामीण पर्यावरण को नया जीवन मिल रहा है। समूह की महिलाओं को स्थानीय बाजारों से बेहतर मूल्य मिलने से सब्जी उत्पादन की तरफ महिलाओं का रूझान निरंतर बढ़ता जा रहा है। सामूहिक बाड़ी में सभी उत्पाद जैविक पद्धति से किये जा रहे हैं। कोरोना के संक्रमण से उपजे संकट के इस दौर में लाॅकडाउन की स्थिति को भांपते हुए ग्रामीणों द्वारा 1370 रूपये की नगद सब्जी खरीद कर महिलाओं की परिश्रम को द्विगुणित किया गया। जिला पंचायत की  मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता गांधी ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एंव उद्यानिकी विभाग के अभिसरण से सामूहिक बाड़ी का विकास कर महिला समूहों को आत्मनिर्भरता की ओर सौद्देश्यतापूर्वक प्रोन्नत की जा रही है। जैविक पद्धति से उत्पादित सब्जी बिक्री से समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आयी। हर चेहरे पर मुस्कान देखी जा रही है। महिलाओं के सपने साकार होते जा रहे हैं साथ ही परिवार को आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है।  
जय भवानी महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती किरणमाला साहू ने बताया कि मनरेगा एवं उद्यानिकी विभाग के अभिसरण से सामूहिक बाड़ी विकसित की गई है। जैविक पद्धति से सब्जी उत्पादन कर प्राप्त आमदनी ने महिला समूहों को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई है।