ममता के गढ़ में अमित शाह , बोले- शहीद खुदीराम बोस के घर आकर ऊर्जा मिली 

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कोलकाता| तृणमूल कांग्रेस में हो रही बगावत के बीच गृह मंत्री अमित शाह कोलकाता पहुंच गए हैं। मिशन बंगाल की शुरुआत उन्होंने रामकृष्ण आश्रम जाकर की। यहां उन्होंने रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के घर गए और उनके परिवार वालों से मुलाकात की। यहां उन्होंने कहा कि खुदीराम बोस के घर आकर नई ऊर्जा का अनुभव कर रहा हूं। गृह मंत्री ने कहा कि बंगाल की मिट्टी को कपाल पर लगाने का सौभाग्य मिला।

स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल और बंगालियों का योगदान कोई भुला नहीं सकता। खुदीराम बोस ने सिर्फ 18 साल की उम्र में देश के लिए जान दे दी। उस समय कई युवा धोती पर उनका नाम लिखने लगे थे। उन्होंने कहा कि ये संयोग ही है कि आज ही के दिन रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को भी फांसी हुई थी। युवाओं से कहना चाहता हूं कि देश के लिए मरना का मौका तो नहीं मिला, पर देश के लिए जीने का मौका जरूर मिला। खुदीराम बोस के सिद्धांतों पर चलकर हम भविष्य के काम करेंगे। खुदीराम बोस जितने बंगाल के थे, उतने भारत के लिए थे। बिस्मिल जितने यूपी के थे, उतने भारत के थे। बंगाल में जैसी ओछी राजनीति देखी जा रही है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई। शाह के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और कैलाश विजयवर्गीय मौजूद हैं। दो दिन के इस दौरे में वे बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति का खाका खींचेंगे। पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कोरोना संक्रमित होने के बाद यहां का चुनावी मोर्चा खुद अमित शाह ने संभाला है।