निकली गौरा गौरी की बारात, लोकगीत-पारंपरिक बाजे की थाप पर थिरके लोग

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धमतरी सहित जिले भर में निकली गयी भगवान की बारात

धमतरी| शहर समेत कुरुद, नगरी और मगरलोड ब्लाक में 5 दिवसीय दीपोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है । इस दौरान दीयों की रोशनी से घर जगमगाते रहे। लक्ष्मी पूजा के दिन से ही एक-दूसरे को दिवाली की बधाई देने का सिलसिला शुरु हो गया। दीपावली पर इस साल भी जमकर आतिशबाजी हुई। शहर में ही लाखो के पटाखे फूटे। शुक्रवार को सुबह वार्डों से गौरा-गौरी की बारात शोभायात्रा के रुप में निकाली गई और शाम व् रात को तालाबों में विसर्जन किया गया।
पर्व पर शहर में चारों ओर से दीयों और रंगीन लाईट की रोशनी से जगमग रही । भाईचारे के साथ लोगों ने एक-दूसरे को पर्व की सोशल मीडिया, वाटसएप के जरिए बधाई देकर खुशियां बांटी। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई गई। शहर में गौरा-गौरी शोभायात्रा निकलने का सिलसिला जारी रहा। शोभायात्रा में पारंपरिक बाजे की धुन पर लोग थिरकते रहे। भगवान शंकर व माता पार्वती की शोभायात्रा की लोगों ने अपने घरों के सामने चौका बनाकर विधिवत पूजा-अर्चना की। कई महिला, पुरुष और युवतियों ने सड़क पर पेट के बल लेटकर आस्था प्रकट किया। बच्चे और युवा शोभायात्रा में पारंपरिक बाजे की धुन पर थिरकते हुए गौरा-गौरी के जयघोष करते रहे।

 

पुलिस की रही तगड़ी सुरक्षा

त्योहार के मद्देनजर पुलिस ने तगड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे।एसपी प्रफुल्ल ठाकुर के निर्देश पर कोतवाली अर्जुनी रुद्री कुरुद सहित सभी थानों की पुलिस पेट्रोलिंग कर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे रहे.शहर में छुटपुट घटनाओ को नजरअंदाज करे तो गोवर्धन पूजा व् गौरा गौरी जी की शोभा यात्रा शान्ति पूर्ण संपन्न हुई.

गोवर्धन पूजाकर लगाया गोबर का तिलक

माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के बाद दूसरे दिन गोवर्धन पूजा धूमधाम से की गई। गौ-माता को नहलाकर विधि-विधान से उनकी पूजा कर उन्हें खिचड़ी खिलाने की रस्म अदा की गई। ग्रामीण क्षेत्रों के आलवा शहर में गाय पालने वालों ने भी गोबर का एक गोला बनाकर गाय के पैर से उसका स्पर्श कराया। इसके बाद गाय के गले में सोहई बांधकर उनकी पूजा-अर्चना की।

गौरी-गौरा पूजा में गूंजे छत्तीसगढ़ी गीत

परंपरा के अनुसार आदिवासी समाज के लोगों ने तालाब के समीप की कुवांरी मिट्टी से गौरी-गौरा की मूर्तियां बनाई। इसके बाद सुबह लोगों ने गाजे-बाजे के साथ गौरा-गौरी की बारात शहर में निकाली। लोग सज-धज कर इसमें शामिल हुए। इस दौरान गांव समेत शहर की महिलाओं ने पारंपरिक गौरी-गौरा गीत गाकर पूरे माहौल को भक्तिमय कर दिया। कुछ वार्डो में डीजे भी लगाया गया जंहा भक्ति गीतों पर लोग झूमते रहे.