
धमतरी। शुक्रवार को वराह अवतार की कथा सुनाते हुए महाराज ने आगे बताया कि वराहावतार भगवान विष्णु के अवतार हैं । दैत्य हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को जल में डुबो दिया था तब भगवान को अवतार लेना पड़ा। कथा प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने आगे कहा कि जब-जब धरती पर पापियों का अत्याचार बढ़ा है, तब-तब भगवान विष्णु ने अवतार लेकर पृथ्वी को पापियों के बोझ से भारमुक्त किया है। हिरण्याक्ष राक्षस जब संपूर्ण पृथ्वी का हरण करके पाताल लोक में ले गया, तब भगवान ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष राक्षस का संहार किया और पृथ्वी को पाताल लोक से बाहर निकाला।
सती चरित्र की कथा सुनाते हुए पंडित वीरेंद्र वैष्णव महाराज ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।
सृष्टि-उत्पत्ति के सन्दर्भ में उन्होंने बताया कि भगवत पुराण में कहा गया है- एकोऽहम्बहुस्यामि अर्थात् एक से बहुत होने की इच्छा के फलस्वरूप भगवान स्वयं अपनी माया से अपने स्वरूप में काल, कर्म और स्वभाव को स्वीकार कर लेते हैं। तब काल से तीनों गुणों- सत्त्व, रज और तम में क्षोभ उत्पन्न होता है तथा स्वभाव उस क्षोभ को रूपान्तरित कर देता है। तब कर्म गुणों के महत्त्व को जन्म देता है जो क्रमश: अहंकार, आकाश, वायु तेज, जल, पृथ्वी, मन, इन्द्रियाँ और सत्त्व में परिवर्तित हो जाते हैं। इन सभी के परस्पर मिलने से व्यष्टि-समष्टि रूप पिंड और ब्रह्माण्ड की रचना होती है। यह ब्रह्माण्ड रूपी अण्डा एक हज़ार वर्ष तक ऐसे ही पड़ा रहा। फिर भगवान ने उसमें से सहस्र मुख और अंगों वाले विराट पुरुष को प्रकट किया। उस विराट पुरुष के मुख से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिय, जांघों से वैश्य और पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए।
इस अवसर पर पार्षद संजय डागोर, प्रकाश सिन्हा, बबलू यादव, बिसेशर पटेल, अर्जुन नाग, शैलेंद्र नाग, त्रिभुवन सिन्हा,उमेश ढीमर, जागेश्वर नाग, लल्लू यादव, रूप नारायण नाग, विकास साहू, संतोष नाग, अजय पटेल, डैनी पटेल, गजेंद्र पटेल, ज्योति पटेल, सीमा पटेल, मालती पटेल, तारा बाई, बेनीराम सिन्हा, बल्लू पटेल, गोलू यादव, राजेश पटेल, राकेश ध्रुव, लखन पटेल, गुड़वा ढीमर, हरिराम नाग समेत बड़ी संख्या में वार्डवासी मौजूद थे।