जिले में चलाया जा रहा फसल चक्र परिवर्तन अभियान

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जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के मद्देनजर
धमतरी | कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी एवं जिला प्रशासन की पहल पर जिले में जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिले में फसल चक्र परिवर्तन अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके तहत जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के सहयोग से कम जल वाली फसल लगाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते दिन ग्राम गुदगुदा और खपरी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान 50 किसानों का पंजीयन किया गया। वहीं जल जगार कलश पूजन, फसल चक्र परिवर्तन की आवश्यकता, चुनौति एवं उनसे निपटने के उपाय के बारे में बारिकी से जानकारी दी गई।
कृषि विकास अधिकारी प्रहलाद नागवंशी ने मृदा स्वास्थ्य पर किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि भूमि की दशा जैसे भूमि की जलधारण क्षमता कम हो चुकी है, मिट्टी कठोर हो गई है, तो उसके सुधार के लिए जैविक खेती, कार्बनिक तत्व की मात्रा, खेती में गोबर खाद आदि डालने का सुझाव दिया। इसके साथ ही कीट बीमारी के बारे में भी बताया गया। डॉ.दीपिका चन्द्रवंशी ने बताया कि रबी सीजन में धान के बदले दलहन-तिलहन फसल लगाना है, जिससे पानी की मात्र बचा सके और जमीन की उर्वरता भी बनी रहे। उन्होंने बताया कि दोनों सीजन में धान की फसल लेने से मिट्टी की उर्वरता शक्ति खत्म होते जा रहा है और कीटों एवं बीमारियों की मात्रा अधिक हो रही है। इसलिए रबी सीजन में दलहन-तिलहन एवं अन्य फसल किसान अवश्य लें। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी उपस्थितों को फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने और जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया और शपथ भी ली।