मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कर्णेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश की तरक्की और खुशहाली के लिए प्रार्थना की

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मुख्यमंत्री ने की देऊरपारा में पक्की सड़क, तालाब सौंदर्यीकरण, सिहावा में राष्ट्रीयकृत बैंक जल्द शुरू करने की घोषणा
शासकीय कन्या विद्यालय नगरी का नाम झीरम घाटी के शहीद श्री अभिषेक गोलछा के नाम से जाना जाएगा कर्णेश्वर धाम में मेला के लिए मिलेगा सामुदायिक वन अधिकार पत्र 

धमतरी | प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने आज नगरी वनांचल में सिहावा पर्वत की गोद में बसे कर्णेश्वर धाम के मंदिरों के दर्शन किए। यह ऐसा पहला अवसर है, जब प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री माघी पुन्नी के अवसर पर यहां आयोजित मेले में पहुंचे। उन्होंने ग्यारहवीं सदी में सोमवंशी राजा कर्णराज द्वारा बनाए गए शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर अन्य मंदिरों के भी दर्शन किए तथा प्रदेशवासियों की तरक्की और खुशहाली के लिए प्रार्थना भी की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कर्णेश्वर महादेव ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित मुख्य द्वार का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने मंच से अपने उद्बोधन में सप्तऋषि की तपोभूमि तथा प्रदेश की जीवनदायिनी महानदी के उद्गम स्थल के निकट लगने वाले कर्णेश्वर मेला के लिए स्थल की कमी को देखते हुए ग्राम पंचायत को सामुदायिक वन अधिकार पत्र देने कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य को निर्देश दिए। उन्होंने साथ ही महाभारत और रामायणकालीन घटनाओं से संबद्ध इस क्षेत्र में पहुंचकर हर्ष प्रकट किया।


मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर देऊरपारा में 800 मीटर पक्की सड़क बनाने की स्वीकृति देते हुए, सिहावा क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत बैंक जल्द शुरू कराने, तालाब सौंदर्यीकरण कार्य के लिए दस लाख रुपए की घोषणा भी की है। इसके अलावा झीरम घाटी के शहीद श्री अभिषेक गोलछा की स्मृति में नगरी स्थित शासकीय हाईस्कूल का नामकरण करने की घोषणा की। उन्होंने साथ ही कहा कि सिहावा क्षेत्र में राम वन गमन पथ के तहत पर्यटन का विकास किया जाएगा।


इस मौके पर प्रदेश के वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में जन-जन के नेता प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यों को सराहा। सिहावा विधायक एवं मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष तथा कर्णेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की पदेन संरक्षक डॉ.लक्ष्मी ध्रुव ने क्षेत्र की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन करते हुए आभार प्रकट किया।

उन्होंने पिछले दो सालों में आमजन, किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए संचालित की जा रही योजना और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार के कार्यों की जानकारी भी अपने उद्बोधन में दी। इस मौके पर कर्णेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विकल गुप्ता ने अभिनंदन पत्र पढ़ते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न मांग रखी। ज्ञात हो इससे पहले मुख्यमंत्री ने कर्णेश्वर धाम के दर्शन के बाद विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों से सौजन्य भेंट कर संक्षिप्त चर्चा की।


कर्णेश्वर धाम के मेला महोत्सव के अवसर पर नागरिक आपूर्ति निगम के चेयरमेन श्री रामगोपाल अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांति सोनवानी, महापौर, नगरपालिक निगम धमतरी श्री विजय देवांगन, पूर्व विधायक धमतरी श्री हर्षद मेहता, पूर्व विधायक सिहावा श्रीमती अंबिका मरकाम, श्री अशोक सोम सहित शरद लोहाना अन्य जनप्रतिनिधि, ट्रस्ट के सदस्य एवं बड़ी संख्या में मेले में पहुंचे लोग उपस्थित रहे। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी के उद्गम स्थल सिहावा पर्वत तथा श्रृंगीऋषि की तपोभूमि के पास स्थित कर्णेश्वर धाम में कई सालों से माघ के महीने में पुन्नी मेला लगता आया है। जहां दूर-दूर से आए श्रद्धालु बालका और महानदी के पवित्र संगम स्थल में डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। इस पवित्र पूजा स्थल में भगवान शिव, गणेश, विष्णु, विश्वकर्मा के अलावा मर्यादा पुरूषोत्तम राम और जानकी के मंदिर हैं।यहां पांच दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने आज नगरी वनांचल में सिहावा पर्वत की गोद में बसे कर्णेश्वर धाम के मंदिरों के दर्शन किए। यह ऐसा पहला अवसर है, जब प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री माघी पुन्नी के अवसर पर यहां आयोजित मेले में पहुंचे। उन्होंने ग्यारहवीं सदी में सोमवंशी राजा कर्णराज द्वारा बनाए गए शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर अन्य मंदिरों के भी दर्शन किए तथा प्रदेशवासियों की तरक्की और खुशहाली के लिए प्रार्थना भी की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कर्णेश्वर महादेव ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित मुख्य द्वार का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने मंच से अपने उद्बोधन में सप्तऋषि की तपोभूमि तथा प्रदेश की जीवनदायिनी महानदी के उद्गम स्थल के निकट लगने वाले कर्णेश्वर मेला के लिए स्थल की कमी को देखते हुए ग्राम पंचायत को सामुदायिक वन अधिकार पत्र देने कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य को निर्देश दिए। उन्होंने साथ ही महाभारत और रामायणकालीन घटनाओं से संबद्ध इस क्षेत्र में पहुंचकर हर्ष प्रकट किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर देऊरपारा में 800 मीटर पक्की सड़क बनाने की स्वीकृति देते हुए, सिहावा क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत बैंक जल्द शुरू कराने, तालाब सौंदर्यीकरण कार्य के लिए दस लाख रुपए की घोषणा भी की है। उन्होंने साथ ही कहा कि सिहावा क्षेत्र में राम वन गमन पथ के तहत पर्यटन का विकास किया जाएगा।
इस मौके पर प्रदेश के वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में जन-जन के नेता प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यों को सराहा। सिहावा विधायक एवं मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष तथा कर्णेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की पदेन संरक्षक डॉ.लक्ष्मी ध्रुव ने क्षेत्र की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन करते हुए आभार प्रकट किया। उन्होंने पिछले दो सालों में आमजन, किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए संचालित की जा रही योजना और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार के कार्यों की जानकारी भी अपने उद्बोधन में दी। इस मौके पर कर्णेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विकल गुप्ता ने अभिनंदन पत्र पढ़ते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न मांग रखी। ज्ञात हो इससे पहले मुख्यमंत्री ने कर्णेश्वर धाम के दर्शन के बाद विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों से सौजन्य भेंट कर संक्षिप्त चर्चा की।
कर्णेश्वर धाम के मेला महोत्सव के अवसर पर नागरिक आपूर्ति निगम के चेयरमेन श्री रामगोपाल अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांति सोनवानी, महापौर, नगरपालिक निगम धमतरी श्री विजय देवांगन, पूर्व विधायक धमतरी श्री हर्षद मेहता, पूर्व विधायक सिहावा श्रीमती अंबिका मरकाम, श्री अशोक सोम सहित शरद लोहाना अन्य जनप्रतिनिधि, ट्रस्ट के सदस्य एवं बड़ी संख्या में मेले में पहुंचे लोग उपस्थित रहे। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी के उद्गम स्थल सिहावा पर्वत तथा श्रृंगीऋषि की तपोभूमि के पास स्थित कर्णेश्वर धाम में कई सालों से माघ के महीने में पुन्नी मेला लगता आया है। जहां दूर-दूर से आए श्रद्धालु बालका और महानदी के पवित्र संगम स्थल में डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। इस पवित्र पूजा स्थल में भगवान शिव, गणेश, विष्णु, विश्वकर्मा के अलावा मर्यादा पुरूषोत्तम राम और जानकी के मंदिर हैं।यहां पांच दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।