सार्थक स्कूल में मौली, गणपति, रुद्राक्ष,स्वस्तिक और मोती से सुंदर राखियाँ बनाईं

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धमतरी | कोरोना के कहर की वजह से स्कूल के बंद होने के बाद इन छुट्टियों में अपने घर परिवार की ज़िम्मेदारी निभाते हुए वे बच्चों और पालकों के संपर्क में बने हुए हैं , उन्हें सिखा -पढ़ा रहे हैं। रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर समय निकालकर, पांचों प्रशिक्षकों श्रीमती सुधापुरी गोस्वामी,श्रीमती मैथिली गोड़े मुकेश चौधरी,स्वीटी सोनी एवं देविका दीवान ने मिलकर भारतीय संस्कृति में शुभ मानी जाने वाली

मौली,गणपति,रुद्राक्ष,स्वस्तिक और मोती आदि पारम्परिक सामग्रियों का उपयोग कर, 200 आकर्षक और मोहक राखियाँ बनाईं हैं एवं श्रेष्ठ सृजनशीलता का सार्थक उदाहरण प्रस्तुत किया है। सार्थक की अध्यक्ष डॉ सरिता दोशी एवं सचिव श्रीमती स्नेहा राठौड़ ने बताया कि, इन

राखियों को स्कूल के बच्चों के हितार्थ कार्य करने के लिए विक्रय किया गयाहै और प्रशिक्षकों ने बच्चों के पालकों के सहयोग से बच्चों को राखी बनाने का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया है। गौरतलब है कि, इस बार कुछ मानसिक दिव्यांग बच्चे रक्षाबंधन के लिए अपनी राखी खुद बनाएंगे। सार्थक संस्था के सदस्यों ने प्रशिक्षकों को इस नई क्रिएटिविटी की बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं।