समावेशी शिक्षा के अन्तर्गत बी.आर.पी. (समावेशी शिक्षा) का राज्यस्तरीय प्रशिक्षण सम्पन्न

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रायपुर | राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा व साइटसेवर्स इण्डिया के संयुक्त तत्वाधान में समावेशी शिक्षा प्रकोष्ठ के अंतर्गत विशेष शिक्षको (बी.आर.पी.) का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सेवाकालीन प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 14 नवम्बर से 16 नवम्बर 2022 तक ठाकुर प्यारे लाल पंचायत ग्रामीण एवं विकास संस्थान, निमोरा, रायपुर (छ.ग.) में सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ।

प्रशिक्षण का शुभारंभ राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा की श्रीमती सीमा गौरहा (सहायक संचालक,समावेशी शिक्षा), श्रीमती श्यामा तिवारी (समावेशी शिक्षा समन्वयक), श्रीमती मुक्ति बैस (सहायक कार्यक्रम समन्वयक), श्री करन सिंह सिसोदिया ( राज्य समन्वयक, साइटसेवर्स ) व श्री अखिलेश तिवारी (सहायक कार्यक्रम समन्वयक, बिलासपुर) के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया तथा बी.आर.पी. द्वारा सरस्वती वंदना की गई। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विभिन्न जिलों में विशेष बच्चों की शिक्षा व्यवस्था हेतु कार्यरत बी.आर.पी.(समावेशी शिक्षा) को समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में संचालित की जाने वाली गतिविधियों व प्रत्यक्ष रूप से बच्चों को दी जाने वाली आवश्यक सुविधाओं जिसमें फिजियोथैरेपी, स्पीचथैरेपी, ऑक्युपेशनलथैरेपी,संसाधन कक्ष सम्बल, प्लस करिकुलम, व्यवहार परिमार्जन, आई.सी.टी. (इन्फारमेशन एन्ड कम्युनिकेशन टेकनोलॉजी) व समावेशी कक्षा-कक्ष का निर्माण इत्यादि से संबंधित नवाचारों को आमंत्रित विभिन्न एक्सपर्टस के द्वारा अपने अनुभवों के माध्यम से उन्मुखीकृत किया गया जिससे समावेशी शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को प्राथमिकता मिल पायेगी।

प्रथम दिवस श्री करन सिंह सिसोदिया द्वारा दृष्टिबाधित बच्चों हेतु आई.सी.टी. का उपयोग, महत्व व टॅाकबैक, ऑनलाइन बुक लाइब्रेरी के माध्यम से प्रयोगिक कार्य करवाया गया। श्री अखिलेश तिवारी द्वारा आर.पी.डब्ल्यु.डी. एक्ट 2016 के मुख्य प्रावधान के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। द्वितीय दिवस संयुक्त संचालक श्री संजीव श्रीवास्तव द्वारा औचक निरीक्षण व प्रशिक्षण का पूर्ण जायजा लेते हुये विभिन्न जिलो में कार्यरत बी.आर.पी. के समस्याओं से भी अवगत हुये व उन्हें दूर करने हेतु सुझाव प्रस्तुत किये गये। श्रीमती सिमी श्रीवास्तव द्वारा बौद्धिक अक्षम बच्चों के व्यवहार परिमार्जन व उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये शिक्षा प्रदान करने पर बल देते हुये विचार प्रस्तुत किया गया। श्री शांतिरंजन रात्रे द्वारा स्पीचथैरेपी के मुख्य घटको पर विस्तृत चर्चा की गई। श्रीमती शिखा विश्वकर्मा के द्वारा फिजियोथैरेपी व उपयोग में आने वाले आवश्यक उपकरणों के संबंध में जानकारी दी गई। श्री करन सिंह सिसोदिया द्वारा समावेशी शिक्षा के अंतर्गत समावेशी विद्यालय निमार्ण, विद्यालय व्यवस्था, कक्षा-कक्ष व्यवस्था के संबंध में समूह निर्धारण करते हुये प्रायोगिक कार्य करवाया गया। तृतीय दिवस सभी बी.आर.पी. के द्वारा संभाग स्तर पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। अरविन्दो सोसायटी से पधारी सुश्री आरती द्वारा प्रतिभागियों को आई.ई.पी. निमार्ण व मुख्य घटको को विस्तार से स्पष्ट किया साथ ही प्रतिभागियो के विशेष बच्चों के संबंध में पूछे गये प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर भी प्रस्तुत किया। श्रीमती पदमा शर्मा व प्रीति उपाध्याय के द्वारा श्रवणबाधित बच्चों हेतु सहपाठी शिक्षण को प्रभावी बनाये जाने के संबंध में प्रायोगिक कार्य करवाते हुये सांकेतिक भाषा में गीत भी प्रस्तुत किया गया। फीडबैक के आधार पर प्रतिभागियों के द्वारा प्रशिक्षण का खूब आंनद लिया गया व नवाचारों को उपयोग में लेते हुये विशेष आवश्यकता वाले बच्चों हेतु इनका उपयोग वर्तमान में संचालित गतिविधियों में किया जा सकेगा।