राईस मिलरों ने समस्या से मुख्य सचिव को कराया अवगत

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उसना राइस मिलर्स का नया अनुमति जारी करने की मांग

अंतर ज़िला का धान धमतरी जिले के संग्रहण केंद्रो में भण्डारण कराने सौंपा ज्ञापन

धमतरी। छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव आरपी मंडल के धमतरी दौरे के दौरान धमतरी जिला राइस मिल एशोसिएशन के पदाधिकारियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया, खासकर उसना राइस मिलर का नया अनुमति जारी करने और अंतर जिला का धान धमतरी के संग्रहण केंद्रों में भंडारण करने की मांग की। मिलरों ने बताया कि धमतरी जिले में पंजीकृत उसना मिल की संख्या 89 है। जिसमे से 15 मिलर्स द्वारा 100 प्रतिशत डीओ जारी होने के उपरांत 5 मिलर्स द्वारा 100 प्रतिशत धान का उठाव भी कर लिया गया है, वर्तमान
में एफसीआई में प्रयाप्त जगह उपलब्ध नही होने के कारण उसना मिलर्स द्वारा 80 प्रतिशत चावल सीएमआर के विरुद्ध जमा हुआ है। साथ ही

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15 उसना मिलर्स का 48.32 करोड़ का बैंक गारंटी खाली है, वर्तमान में सॉफ्टवेयर में प्रावधान नही होने से नई अनुमति जारी नही हो पा रही है। धमतरी कलेक्टर द्वारा सॉफ़्टवेर में परिवर्तन कर नया अनुमति जारी करने के लिए प्रस्ताव 26 फरवरी को शासन को भेजा जा चुका है। पूर्व वर्षो में भी धान डीओ जारी 100 प्रतिशत, धान उठाव 90 प्रतिशत और कस्टम मिलिंग चावल जमा 70 प्रतिशत में ही नया अनुमति का ऑर्डर खाद्य सचिव द्वारा सॉफ़्टवेअर में आवश्यक प्रावधान किया जाता रहा है, इससे कस्टम मिलिंग कार्य और धान खरीदी केंद्रो से सीधे उठाव का
कार्य शीघ्रता से संपादित होता है। जिले में शेष 86 हजार 885 मीट्रिक टन धान को शीघ्रता से उठाव करने हेतु खाद्य विभाग के सॉफ्टवेयर में कृपया आवश्यक संशोधन कराया जाए। इसी तरह सीएस को अवगत कराया कि धमतरी जिले में उसना राइस मिलर की क्षमता अधिक है। पूर्व वर्ष 2018-19 में उसना मिलिंग धमतरी धान का उठाव 722000 मीट्रिक टन और भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा 516376.72 मीट्रिक टन कराया था। वर्तमान में धमतरी जिले के 2019-20 में उसना राइस मिलर को अनुमति 436000 मीट्रिक टन जारी है। धान उठाव 240000 मीट्रिक टन है और चावल जमा 121000 मीट्रिक टन है। पिछले कई वर्षों से ज़िले के राइस मिलर अंतर ज़िला से धान उठाव करते आए है। पूर्व वर्ष में धमतरी जिले में राजनंदगाँव और बालोद जिले का धान कुछ मात्रा में संग्रहण केंद्र में रखा गया था लेकिन इस वर्ष धमतरी जिले के किसी भी संग्रहण केंद्र में धान नहीं रखा जा रहा है। जबकि गरियाबंद जिले से भाटागाँव (कुरुद) संग्रहण केंद्र की दूरी कम है। बालोद जिले से जवरगाँव, भोयना भखारा संग्रहण केंद्र की दूरी कम है। चिटौद संग्रहण केंद्र बालोद जिला में ट्रक एसोसिएशन और लेबर की दादागिरी के चलते ही ये संग्रहण केंद्र शासन ने बंद कराया था लेकिन इस वर्ष चिटौद के धान संग्रहण केंद्र में धान रखाया जा रहा है जिससे धान उठाव में बहुतपरेशानी होने की पूर्ण सम्भावना है, इस समस्या को देखते हुए धमतरी जिले के ही संग्रहण केंद्रों में अंतर जिलों का धान संग्रहण किया जाए। ताकि उसना कस्टम मिलिंग तेज गति से हो सके। धमतरी ज़िले को उसना मिलिंग क्षमता के अनुसार भारतीय खाद्य निगम का रैंक मूवमेंट प्लान में अधिक से अधिक रैक का अलॉटमेंट मिले ताकि उसना राइस की कस्टम मिलिंग शीघ्रता से संपादन हो सके।

धान शार्टेज आना बना समस्या

इस वर्ष बेमौसम बारिश तथा खरीदी में देरी के साथ उठाव धीमा होने के चलते सोसायटियों के धान में शार्टेज आ रहा है, जिससे परेशानी मिलरों को भी हो रही है, इस समस्या से सीएस को अवगत कराते हुए बताया कि धान खरीदी केंद्रो में धान ख़रीदी हुए 2 माह से पुराने धान स्टेक लगे हुए है, वजन शार्टेज को लेकर रोज समिति प्रबंधक और राइस मिलर के बीच विवाद हो रहा है, इससे बहुत अधिक धान उठाव
प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में सभी जिले के खरीदी केंद्रो में बहुत अधिक धान रखा हुआ है। विवाद की स्थिति ना बने इसे देखते हुए धान ख़रीदी प्रबंधकों को अपने क्षेत्रवार कोई भी धर्मकाँटा को अधिकृत कर 100 प्रतिशत धर्मकांटे से राइस मिलर को डीओ का धान प्रदान करने का कार्य योजना बनाने की मांग की।

Rajesh Raichura 9425505222