
धमतरी | बी.सी.एस.शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी में प्रातः 11ः00 बजे महाविद्यालय प्रांगण में प्राचार्य डाॅ. विनोद कुमार पाठक द्वारा समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया गया। तत्पश्चात् विधि संकाय में संविधान दिवस के अवसर पर विधि विभागाध्यक्ष दुर्गेश प्रसाद एवं पंकज जैन, कोमल प्रसाद यादव, डाॅ. प्रेमनाथ भारती एवं गायत्री लहरे के मार्गदर्शन में व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष दुर्गेश प्रसाद ने कहा संविधान के सर्वोच्च विधि है, सभी विधियाॅ संविधान से मार्गदर्शित होती है। संविधान की नजर में स्त्री-पुरुष तथा उभयलिंगी सभी समान है तथा कोई भी व्यक्ति संविधान से ऊपर नहीं है।
तुषार, एलएल.बी.भाग-तीन ने ‘‘संविधान हम सभी को बोलने की आजादी देता है, जिसके माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर उच्च पद को प्राप्त कर सकते है।’’ करण कुमार, एलएल.बी. ने ‘‘संविधान से कार्यपालिका , विधायिका एवं न्यायपालिका मार्गदर्शित होती है।’’ पीयूष प्रभात, एलएल.बी.भाग-तीन ‘‘चूंकि हमारा भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को बन कर तैयार हुआ था। इसलिये 26 नवम्बर को संविधान के रूप में मनाया जाता है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।’’ घनश्याम, एलएल.बी.भाग-एक ने कहा ‘‘प्रस्तावना संविधान की मार्गदर्शिता है।’’ सरस्वती, एलएल.बी.भाग-एक ने कहा कि संविधान निर्माण मंे महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिनके सक्रिय सहयोग से संविधान का निर्माण हुआ। गायत्री लहरे, सहायक प्राध्यापक ने कहा कि ‘‘संविधान हमें अधिकार के साथ कर्तव्य भी प्रदान किया है। हम सभी को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। डाॅ. प्रेमनाथ भारती, ने कहा कि भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ तथा भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। भारत में विविधता में एकता देखने कों मिलती है। संवैधानिक मूल्यों को बनाये रखना हम सभी का कर्तव्य है। प्रो. कोमल प्रसाद यादव ने कहा कि हम सभी ने मिलकर संविधान को बनाया है। संविधान सभी को वर्गो को आगे बढ़ने की आजादी देता है। संविधान सभी धर्मो को समान मानता है। प्रो. पंकज जैन ने कहा कि भारतीय संविधान में विभिन्न देशों की अच्छी व्यवस्था को शामिल किया गया है। भारतीय संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। सभी को संविधान का अध्ययन करने पर बल दिया। छात्रा रूद्राणी यादव ने भारतीय संविधान कठोरता तथा लचीलापन का सम्मिक्षण है। मंच संचालन तुषार देवांगन द्वारा किया गया। इस अवसर पर विधि विभाग एवं संकायों के विद्यार्थी उपस्थित थे।।