समापन अवसर पर उपस्थित एसपी ने कहा कि यहां से जो ज्ञान सीखकर जा रहे हैं, उससे अपना भविष्य संवारें तथा सकारात्मक सोच के साथ नेक राह की ओर बढ़ें। अपर कलेक्टर श्री दिलीप अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में इसे रोजगार सृजित करने का बेहतर माध्यम बताया। इस दौरान कलेक्टर एवं एसपी ने प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए। इसके पहले, प्रशिक्षुओं ने दस दिवसीय ट्रेनिंग के दौरान अपना अनुभव साझा किया एवं भविष्य में इसे रोजगार के तौर पर अपनाने की मंशा भी जाहिर की। कलेक्टर ने आरसेटी के निदेशक को रिहा होने वाले बंदियों से व्यक्तिगत सम्पर्क कर उन्हें ऋण की प्रक्रिया की जानकारी देने के निर्देश दिए। कैदियों ने कलेक्टर एवं
एसपी को मशीन से अगरबत्ती तैयार करने की प्रक्रिया को प्रायोगिक तौर पर प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर की विशेष पहल पर जेल के कैदियों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। इसके अलावा जिला जेल में मशरूम निर्माण के 45 दिवसीय प्रशिक्षण भी सफलतापूर्वक आयोजन किया रहा है। इस अवसर पर जिला जेल के प्रभारी अधिकारी श्री एचएल गायकवाड़, लीड बैंक मैनेजर श्री अमित रंजन, सहायक संचालक कौशल विकास श्री शैलेन्द्र गुप्ता सहित ट्रेनर एवं जेल स्टाफ उपस्थित थे।