धमतरी | जिन्दगी के सफर में कई कठिन पड़ाव आते हैं। कुछ पड़ाव निकल जाता है |कुछ जीवन में ठहर जाता है | ऐसा ही एक वाक्या आदिवासी विकासखण्ड नगरी के ग्राम पंचायत डोकाल में देखने को मिला| विद्या बाई ध्रुव 35 वर्ष अपने पति रमेश कुमार ध्रुव व मासूम बच्चे प्रदीप कुमार ध्रुव 10 वर्ष व बूढ़ी माता मिलन्तीन बाई ध्रुव 70 वर्ष के साथ गुजर बसर कर ही रही थी | तभी कैंसर जैसी बीमारी विद्या की जिन्दगी में दस्तक दी | इसके बाद पति रमेश कुमार रिश्ता तोड़कर चला गया और आज छह वर्ष बीत जाने के बाद भी मुड़कर नहीं देखा। विद्या बाई ध्रुव बीमारी से ग्रसित होने के बावजूद मेहनत मजदूरी कर अपनी मां और दस साल के इकलौते बेटे को पाल पोष रही है।
जिला पंचायत सदस्य अनिता ध्रुव को क्षेत्रीय दौरे के समय इस बात की जानकारी लगी | वे विद्या बाई से मिलने उनके घर पहुंची | विद्या ने बताया कि उनका इलाज बाल्को अस्पताल नवा रायपुर में चल रहा है और प्रति माह तीन हजार रूपये दवाई में खर्च होता है। अनीता ध्रुव ने कैंसर पीड़ित विद्या बाई ध्रुव को तत्काल पांच हजार रूपये नगद राशि व एक क्विंटल चावल, दाल,आलू प्याज तथा मासूम बच्चे को एक जोड़ी कपड़े व उनकी माताजी को साड़ी मदद के रूप में प्रदान की । साथ ही विद्या बाई ध्रुव को आश्वासन दिया कि वे जिन्दगी के हर कदम में उनके साथ है। विद्या बाई ध्रुव को वन विभाग द्वारा डोकाल के स्थाई पौधा रोपण नर्सरी में काम पर रखा गया है जिससे वह गुजर बसर कर रही है| गौरतलब है कि आदिवासी भाजपा नेत्री जिला पंचायत सदस्य अनिता ध्रुव ने कोरोना वायरस महामारी के समय विश्वव्यापी लाकडाऊन में अपने क्षेत्र के वनांचल एवं दूरस्थ अंचल में चिलचिलाती धूप में पहुंचकर गरीब व जरूरतमंदो को राशन खाद्य सामग्री घर-घर जाकर बांटी थी | उन्हें क्षेत्रवासियों का आशीष मिल रहा है।