
धमतरी | डिजिटल फसल सर्वेक्षण का का कार्य कृषि योजनाओं, बीमा भुगतान एवं आपदा राहत वितरण को प्रमाणिक डेटा के आधार पर प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। खरीफ मौसम के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण को लेकर आज कलेक्टरेट सभा कक्ष में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा तहसील स्तरीय मास्टर ट्रेनर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण सत्र में जिले के विभिन्न तहसीलों से आए तहसीलदार,पटवारी, राजस्व निरीक्षक और राजस्व के कर्मचारी, और तकनीकी सहायक शामिल हुए। प्रशिक्षण का संचालन मास्टर ट्रेनर श्री दीपचंद भारती ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को डिजिटल फसल सर्वेक्षण की प्रक्रिया, उद्देश्य, तकनीकी पक्षों एवं फिल्ड स्तर पर अपनाई जाने वाली कार्यविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल फसल सर्वेक्षण से न केवल सटीक आंकड़े प्राप्त होंगे, बल्कि इससे शासन की योजनाएं भी सही किसानों तक पहुंच सकेंगी।
फसल का वास्तविक क्षेत्र मापने के लिए मोबाइल एप का उपयोग, जीआईएस मैपिंग के माध्यम से खेत की स्थिति दर्ज करना, खरीफ फसलों की पहचान और वर्गीकरण की विधि, डिजिटल माध्यम से सर्वेक्षण डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया, प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा आगे ग्राम स्तर पर उप-सर्वेक्षकों को प्रशिक्षित करना, मास्टर ट्रेनर ने बताया कि यह डिजिटल प्रक्रिया राज्य सरकार की ई-गवर्नेंस नीति के तहत संचालित की जा रही है, जिससे कृषि संबंधी आंकड़े अधिक सटीक, पारदर्शी और समयबद्ध रूप से उपलब्ध हो सकेंगे। इस अवसर पर राजस्व, कृषि और भू-अभिलेख विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने फील्ड स्टाफ से अपेक्षा जताई कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर गांव स्तर पर समयसीमा में फसल सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण करेंगे। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सामग्री वितरित की गई।