गिरौदपुरी में तीन दिवसीय गुरुदर्शन मेला 18 मार्च से

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रात्रि विश्राम न कर उसी दिन घर लौट जाने गुरुओं ने की अपील मेले में इस बार नहीं होंगे कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम
कोविड संक्रमण से बचाव नियमों का पालन करने का आग्रह

धमतरी | सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि और तपोभूमि गिरौदपुरी धाम में तीन दिवसीय गुरुदर्शन मेला इस साल 18 से 20 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस दौरान यहां मेले में जुटते हैं। राज्य के विभिन्न जिलों के अलावा देश-विदेश के श्रद्धालुओं और दर्शकों का सतनाम पंथ के इस प्रमुख आस्था केंद्र में समागम होता है। मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं गुरु गद्दीनशीन श्री विजय कुमार गुरु और छत्तीसढ़ शासन के केबिनेट मंत्री श्री रूद्रकुमार गुरु ने कोरोना संक्रमण के साये में आयोजित हो रहे गिरौदपुरी मेले में विशेष सावधानी बरतने की अपील श्रद्धालुओं से की है।
केबिनेट मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने कहा कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। प्रतिदिन नये-नये मरीज सामने आ रहे हैं। फिर भी श्रद्धालुओं की भावनाओं को सम्मान करते हुए  इस साल मेला आयोजित किया जा रहा है। लेकिन इसके स्वरूप में कुछ जरूरी बदलाव किये गये है। उन्होंने कहा कि इस बार मेले में किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इसलिए दर्शकों के रात्रि विश्राम न करने की सलाह दी जाती है।  लिहाजा दिन में ही दर्शन एवं पूजा कर  श्रद्धालु उसी दिन अपने घर लौट जाएं । इससे न केवल आप सुरक्षित रहेंगे बल्कि आपका परिवार और पूरा समाज सुरक्षित रहेगा। गौरतलब है कि अन्य सालों में दर्शक कार्यक्रमों का आनन्द उठाने के लिए सम्पूर्ण मेला अवधि में रात्रि में विश्राम करते रहे हैं। मेले के भीड़-भाड़ में ज्यादा समय तक रुकना कोरोना महामारी को एक तरह से बुलावा देना है। यदि हम सभी स्वस्थ रहें तो अगले साल परंपरागत उत्साह और गरिमा के साथ गुरु पर्व मनायेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि बाबा के आशीर्वाद और आप सब के सहयोग से गिरौदपुरी मेला शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न होगा। मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री विजय गुरु ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनकर आने और दो गज की दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करने भी कहा है। उन्होंने कहा है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की बुनियादी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है। मेला स्थल, छाता पहाड़ आदि महत्वपूर्ण  जगहों पर जिला प्रशासन द्वारा स्वच्छ पेयजल, दाल-भात केंद्र, चिकित्सा सुविधा, शौचालय आदि के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।