धमतरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पांचवें आयुर्वेद दिवस के मौके पर आयुर्वेद संस्थानों- गुजरात के जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने अपने संबोधन में भगवान धन्वंतरि से भारत सहित पूरी दुनिया को आरोग्य का आशीर्वाद देने की प्रार्थना की| इस मौके पर शान्ति कॉलोनी चौक स्थित तारा च्वाइस सेंटर में प्रोजेक्टर के माध्यम से कार्यकम का प्रसारण किया गया | कार्यालय में मौजूद लोगो ने मोदी के कार्यक्रम को पूरी तन्मयता के साथ सुना और प्रशंसा भी की |
लोगों ने बताया कि कोरोना काल में पूरी दुनिया में आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी को सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक माना जाता है| हल्दी कैंसर, हृदय रोग के खतरे को कम करने के साथ ही खांसी और सर्दी का सबसे अचूक इलाज है| हल्दी सेहत की कई समस्याओं को दूर कर इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करती है| उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद दिवस पर तारा च्वाइस सेंटर ने प्रोजेक्टर के माध्यम से कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया| यह अविस्मरणीय व लाभप्रद रहा | इस अवसर पर तारा च्वाइस सेंटर की संचालिका तनूजा रायचुरा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात और राजस्थान में दो आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन किया|
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद की परंपरा ने देश में फायदा किया है| कोरोना काल में हल्दी समेत अन्य चीज़ों ने इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है| उन्होंने आगे बताया कि आयुर्वेद दिवस के अवसर पर हमारे सेंटर में इस कार्यकम का प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रसारण किया गया| आयुर्वेद के प्रचार- प्रसार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कोरोना काल में आज दुनिया आयुर्वेद को लेकर जानना चाहती है और रिसर्च कर रही है| उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि जब इससे बचाव का कोई प्रभावी तरीका नहीं था तो भारत के घर-घर में हल्दी, काढ़ा, दूध जैसे अनेक इम्यूनिटी बूस्टर जैसे उपाय बहुत काम आए|