युवा खिलाड़ी महंत का कहना है कि कोई भी खेल छोटा या बड़ा नहीं होता। वह पढ़ाई में टॉप क्लास करने के अलावा स्टेकिंग में एशियन गेम्स में चैम्पियन बनना चाहता है। उसका कहना है कि क्रिकेट समेत अन्य गेम्स टीम आधारित होता है. लेकिन स्केटिंग में स्वयं को परफार्म करना पड़ता है। यही वजह है कि स्केटिंग गेम्स उसे बेहद पसंद हैं।
धमतरी | अपनी मेहनत और लगन के दम पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र महंत गढ़वी (18) ने राज्य एवं नेशनल स्तर पर शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाकर जिले मान बढ़ाया है। खिलाड़ी महंत गढ़वी ने बताया कि उसने बचपन से ही पढ़ाई के अलावा खेल के क्षेत्र में कुछ अलग करने का सपना देखा था। 10 साल की उम्र से ही वह स्केटिंग खेल के लिए अपनी तैयारी कर रहा है। उसने आगे बताया कि जब पहली बार स्कूल गेम्स के लिए रायपुर-महासमुंद में राज्य स्तरीय खेल स्पर्धा के लिए उसका चयन हुआ. तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा,
लेकिन यहां से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी। उसका कहना है कि किसी भी खेल को पूरी तरह से सीखने के लिए खेल के प्रति समर्पण और जूनून होना चाहिए. पिता जितेन्द्र गढ़वी और मां संगीता गढ़वी से मिली प्रेरणा के बाद वह अपनी गलतियों से सीख लेते हुए जब दूसरी बार उसे राज्यस्तरीय स्कूल गेम्स में खेलने का मौका मिला, तो उसने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाकर जिले और स्कूल का नाम रोशन किया। उसका कहना है कि युवाओं को शिक्षा के साथ ही खेल समेत अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इससे शिक्षा के साथ ही खेल जगत में नए नए लोगों से मिलने से का अवसर मिलता है और यही से हमारी जिंदगी यू-टर्न हो जाती है। महंत ने आगे बताया कि अब तक वह दिल्ली, बैंगलोर, गुवाहाटी और हैदराबाद में आयोजित नेशनल स्तर के स्केटिंग गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर चुका है। उसका कहना है कि जिलास्तर पर इस खेल को युवाओं में रूझान कम है।
यदि स्केटिंग गेम्स को लेकर पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए और कोच समेत अन्य सुविधाएं मिले, तो जिले में भी स्केटिंग गेम्स के प्रति खिलाड़ियों का रूझान बढ़ सकता है।