मेरा मन एक मंदिर, मैं किसी को भी गंदे पांव से गुजरने नहीं दूंगा

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धमतरी| प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में गांधी जयंती के अवसर पर ऑनलाइन प्रोग्राम द्वारा सबको सन्देश दिया गया| ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने गांधी जयंती और लाल बहादुर जयंती पर उन्हें स्मरण कर दिल से नमन वंदन किया | गांधीजी के जीवन को याद करते हुए सरिता दीदी ने कहा गांधीजी को स्वच्छता बहुत प्रिय थी |स्वच्छता के साथ सत्यता, प्रेम, अहिंसा ,सादगी और एकता उनके जीवन का मूल मन्त्र था | सत्याग्रह आंदोलन कर उन्होंने भारत को स्वराज्य दिलाया |गांधीजी का एक बहुत सुन्दर मन्त्र था |मेरा मन एक मंदिर है| मैं किसी को भी गंदे पांव से इस मंदिर में गुजरने नहीं दूंगा | आगे दीदी ने कहा आज स्वच्छ भारत अभियान की बहुत जरूरत है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया जा रहा है | स्वच्छ भारत अभियान के लिए उन्होंने दादी जानकी जी को ब्रांड एम्बेसेडर बनाया था |
दादी जानकी भी कहा करती थी  कि सच्चाई ,सफाई, सादगी ये हमारे जीवन, संस्कारो में होना  चाहिये |जब हमारा मन स्वच्छ होगा तभी बाहर भी स्वच्छता होगी |जहा गंदगी होगी वहां  बीमारी फैलेगी |जब तक ये कार्य वैचारिक रूप में हमारे जीवन में नहीं आएगा तब तक स्वच्छ भारत का सपना पूरा नहीं होगा |आज कोरोना वायरस की बीमारी जो फैली है उससे मुक्त होने का साधन भी स्वच्छता ही है | परमपिता परमात्मा शिव ने हमें मन्त्र दिया है स्वच्छ भारत ,स्वस्थ भारत के साथ अब हमें स्वर्णिम भारत लाना है |आज यदि हमारे मन किसी के लिए ईर्ष्या ,अशुभ भावना, हिंसा, दुःख देने की भावना से ग्रसित है तो स्वर्णिम भारत कैसे बनेगा| हमारा मन ही गंदगी से भरा है तो हम कभी स्वच्छ नहीं बन सकते |स्वच्छ नहीं तो स्वस्थ भी नहीं | किसी ने एक बहुत अच्छी बात शेयर की थी, गलत टाइप मत करो, गलत लाइक मत करो, गलत शेयर मत करो | राजयोग ही एक ऐसी विधि है जो हमारे विचारो को शुद्ध करती है | राजयोग में आत्मा के ज्ञान से स्वयं को आत्मा समझने से मन स्वच्छ होगा |आत्मा में प्रेम, सुख, शांति, शक्ति आदि गुणों का विकास होगा तो वो दिन दूर नहीं जब स्वर्णिम दुनिया इस धरा पर आएगी |