धमतरी | कोरोना काल में जन जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। बाजार खुलने लगे हैं, लेकिन प्रदेश भर में बसों का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। बसें नहीं चलने से दूर दराज की सफर करने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है| बस ऑपरेटर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और शासन ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। बस ऑपरेटर संघ विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर के बस डिपो में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। राज्य सरकार ने राज्य को अनलॉक घोषित कर बसों के संचालन को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन लेकिन बस ऑपरेटर अपनी मांग पर अड़े रहे। फिर परिवहन विभाग के अधिकारियों और बस ऑपरेटरों के बीच बैठक आयोजित की गई थी।
बस ऑपरेटरों को टैक्स में छूट दी गई, जिसके बाद ऑपरेटरों ने कुछ बसों का संचालन शुरू किया था। इसके बाद 22 जुलाई से शासन ने फिर लॉकडाउन घोषित कर दिया, तब से बसों का संचालन बंद है। छह अगस्त को राज्य सरकार ने बसें चलाने का आदेश जारी किया, लेकिन बस संचालक अपनी आठ सूत्री मांग पर अड़े है।बस ऑपरेटर संघ का कहना है कि सितंबर माह 2020 से मार्च 2021 तक का कर माफ किया जाए, यात्री किराया 40% तक बढ़ाया जाए, स्लीपर का टेक्स एक ही लिया जाए, डीजल में वैट टैक्स की राशि को 50% प्रतिशत तक कम किया जाए, के फॉर्म एवं एम फॉर्म के नियम 2009 की अधिसूचना को समाप्त किया जाए, परमिट के नवीनीकरण के प्रत्येक हस्ताक्षर ना होने पर कर ना लिया जाए, भौतिक सत्यापन कर बैठक की क्षमता के आधार पर पंजीयन किया जाए, पक्के परमिट को छोड़कर बाकी सारे काम पंजीयन अधिकारी आरटीओ और डीटीयू को दिया जाए| उन्होंने आगे कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक बसों का संचालन शुरू नहीं किया जाएगा।
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