परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ डालना अनुचित: शुभम

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धमतरी | पिछले दिनों विभिन्न राज्य के विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा को लेकर दिशा निर्देश दिए गये हैं| परीक्षार्थियों को स्वयं से खुद के खर्चे पर उत्तरपुस्तिका तैयार करनी है इसके साथ ही उत्तर पुस्तिका जमा करने के लिए पोस्टऑफिस में स्पीड पोस्ट करने का आदेश विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया है। उत्तर पुस्तिका जमा करने के लिए स्पीड पोस्ट करने का आदेश छात्रो के साथ अन्याय है। आर्थिक संकट  में  प्रदेश की सरकार द्वारा छात्रो के उपर आर्थिक बोझ डालना अन्याय हैं जिसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् पुरजोर विरोध करती है|

विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश की सरकार को सुझाव दिया कि उत्तर पुस्तिका संकलन के लिए गाँव गांव विभिन्न शासकीय विद्यालय, महाविद्यालय को उत्तर पुस्तिका संकलन केन्द्र बनाए और उसका उपयोग करना चाहिए। उस उत्तर पुस्तिका को सुरक्षित महाविद्यालय और विश्वविद्यालय तक पहुंचाने की जिम्मेदारी शासन प्रशासन को लेनी चाहिए । सरकार को यह जिम्मेदार ज़िम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए। शुभम ने कहा कि विभिन्न कलेक्शन सेंटर्स बनाने से पोस्ट ऑफिस में होने वाली भगदड़ से भी बचा जा सकता है और विद्यार्थियों के ऊपर आने वाले आर्थिक बोझ से भी मुक्ति पाई जा सकती है। विद्यार्थी परिषद् छत्तीसगढ़ सरकार से अपेक्षा करती है कि इस दिशा में सकारात्मक पहल करे और इस कोरोना महामारी से हुए आर्थिक संकट में छात्रों के लिए राहत प्रदान करें।