न्याय की परिभाषा केवल न्यायालय में मिलने वाला न्याय ही नहीं बल्कि  आर्थिक,  सामाजिक न्याय भी  है

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डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अंतिम छोर के व्यक्ति तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश  ने किया ई-मेगा कैम्प का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उदघाटन ,  चार हजार से अधिक हितग्राही हुए  लाभान्वित

धमतरी |  छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अभिनव पहल के रूप में जनहित में संयुक्त प्रयास के तौर पर ई-मेगा कैंप  का  आयोजन  किया गया  |  इस शिविर का विधिवत उद्घाटन बिलासपुर स्थित उच्च न्यायालय से न्यायाधीश और कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशांत कुमार मिश्र द्वारा किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक साथ राज्य के 23 जिले और 64 तहसील इस शिविर से जुड़े रहे। इस मौके पर न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि कोविड 19 के संकटकाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास है। परिणामस्वरूप आज की तिथि में राज्य भर के 4,40,337 लाभार्थियों को विभिन्न विभागीय योजान्तर्गत 111 करोड़ रुपए का लाभ इस शिविर के जरिए पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि पूरे नवंबर माह में यह अभियान चलाया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोगों  को  लाभ पहुंचाया जा सके। इस मौके पर उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को विभागीय योजनाओं सम्बन्धी कोई शिकायत है, तो राज्य विधिक सेवा के टोल फ्री नंबर 15100 में शिकायत कर सकता है। प्रयास रहेगा कि  उनकी शिकायत को जल्द से जल्द जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सम्बन्धित विभाग तक पहुंचा कर हितग्राही को लाभान्वित किया जाए।  उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने  बताया कि आज राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनचेतना यू-ट्यूब चैनल पर मूक-बधिर हितग्राहियों के लिए सद्भावना जागरूकता श्रृंखला लांच  की गई है। उम्मीद है कि इससे मूक-बधिर हितग्राहियों को विधिक सेवा सम्बन्धी जानकारी मिलने में आसानी होगी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि न्याय की परिभाषा केवल न्यायालय में मिलने वाले न्याय तक सीमित नहीं, वरन् आर्थिक सामाजिक न्याय भी इसमें समाहित है। इसके मद्देनजर न्यायाधीश श्री मिश्रा ने उम्मीद की कि संविधान की मूल भावना को जिंदा रख हर व्यक्ति को लाभ पहुंचाने सभी मिलजुलकर कार्य करेंगे। उद्घाटन सत्र के मौके पर अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय कम्प्यूटराईजेशन कमेटी श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड 19 संक्रमणकाल में अंतिम छोर के व्यक्ति तक विधिक सेवा तथा विभागीय जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने यह ई-मेगा शिविर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब जनसेवक हैं, जिनका मूल कार्य जनता की सेवा है, अतः सामूहिक प्रयास से लोगों को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य है। उन्होंने अपने वक्तव्य में न्याय की परिभाषा से सबको अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति श्री गौतम भादुड़ी ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री प्रशांत कुमार मिश्रा का साधुवाद करते हुए कहा कि कोविड 19 के संक्रमणकाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राज्य में एक साथ ई मेगा कैंप के जरिए शासन की कल्याणकारी योजनाओं तथा विधिक सेवाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने सबका आह्वाहन किया कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक शिविर का लाभ पहुंचे, इसके लिए सभी प्रभावी तरीके से काम करें। ज्ञात हो कि उद्घाटन सत्र के मौके पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के जनचेतना यूट्यूब चैनल पर सदभावना विधिक जागरूकता श्रृंखला को अतिथियों द्वारा  लांच  किया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार विजिलेंस, इन्चार्ज रजिस्ट्रार जनरल   दीपक कुमार तिवारी ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन सदस्य सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सिद्धार्थ अग्रवाल द्वारा किया गया।

उद्घाटन सत्र के बाद जिला स्तर पर ई मेगा कैंप को संबोधित करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष  सुधीर कुमार ने एन.आई.सी. के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से ई मेगा कैंप में ब्लॉक से जुड़े अधिकारी और हितग्राहियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देश में जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह ई मेगा शिविर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने इस मौके पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी वीसी के माध्यम से दी।  कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने  अपने उद्बोधन में बताया कि न्याय की अवधारणा वृहद है, केवल न्यायालय से मिले न्याय तक यह सीमित नहीं है। न्यायालय के अलावा विभागीय जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभ पहुंचाना भी सम्मिलित है। विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत अगले एक माह तक लगातार लोगों को जागरूक करते हुए विभागीय योजनाओं के प्रति ना केवल जागरूक किया जाए, बल्कि उन्हें अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने ब्लॉक से जुड़े सभी अधिकारियों को इसके लिए काम करते रहने कहा है। उन्होंने बताया कि वे हर समय-सीमा की बैठक में इसकी समीक्षा भी करते रहेंगे। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक  बी.पी. राजभानू ने आश्वस्त किया कि पुलिस प्रशासन विधिक सेवा तथा जनकल्याणकारी सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरा सहयोग करेगा।  मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती नम्रता गांधी, वनमण्डलाधिकारी  अमिताभ बाजपेई ने भी विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में वीडियो  कांफ्रेंस  में ई-मेगा कैम्प से जुड़े नगर निगम आयुक्त, श्रम, आदिवासी विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग ने भी विभागीय योजनाओं से शिविर में लोगों को अवगत कराया। इस मौके पर सभी ब्लॉक से जुड़े 25-25 हितग्राहियों को प्रतीकात्मक रूप से लाभान्वित किया गया। कलेक्टर श्री मौर्य ने धमतरी ब्लॉक, जिला एवं  सत्र न्यायधीश ने कुरूद,  पुलिस अधीक्षक ने नगरी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने मगरलोड के हितग्राहियों के नाम का वाचन किया। ज्ञात हो कि  ई-मेगा शिविर में जिले के चार हजार से अधिक हितग्राहियों को एक करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक का आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा आय, जाति, निवास, जन्म, मृत्यु पंजीयन, भवन अनुज्ञा, सम्पत्ति कर प्रमाण पत्र, सम्पत्ति नामांतरण, विवाह पंजीयन, नल कनेक्शन, राशनकार्ड इत्यादि का भी वितरण किया गया। जिला स्तर पर आयोजित ई-मेगा कैम्प के कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतीश कुमार खाखा ने किया। इस मौके पर अपर कलेक्टर दिलीप कुमार अग्रवाल भी मौजूद रहे|