नए कृषि बिल से किसानों का शोषण होगा : लक्ष्मीकांता साहू

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मगरलोड | केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में पास किये गए नए कृषि बिल का लक्ष्मीकांता हेमन्त साहू छाया विधायक विंधानसभा क्षेत्र कुरुद ने कड़ा विरोध किया है | उनका कहना है कि यह बिल किसानो को गुलामी कीओर ले जायेगा | यह विधेयक किसानों के हित में नहीं है| उन्होंने  कहा कि भारत सरकार द्वारा लोकसभा में कृषि अध्यादेश से संबंधित तीन काले कानून पास हुए है।

1. एक राष्ट्र एक बाजार : हमारा भारत वर्ष कृषि प्रधान देश है| कृषि के सभी उत्पादों में हम आत्मनिर्भर बन चुके है। पिछले बीस वर्षों में सिंचाई के क्षेत्र में चाहे वह बांध से नहरों का निर्माण हो या बिजली द्वारा विद्युत पम्पों का विस्तार हो, प्रगति देखने को मिली है। इसके साथ ही इन वर्षों में सामुहिक परिवार में अलगाव से जो बड़े किसान थे | वे छोटे किसान होते चले गए | तीन से पांच एकड़ के किसानों की अधिकता हैं। ले-देकर जिले  के अंदर ही किसान अपनी उपज को बेच पाते हैं वे अन्य जिला या प्रदेश कहां जा पाएंगे। यह संभव नहीं हैं |
2. अनुबंध कृषि :  यहाँ पर देश के प्रत्येक नागरिक को आत्ममंथन करने की आवश्यकता है |  किसी भी क्षेत्र में हम अनुबंध करते है तो स्वाभाविक रूप से नियम व कानून के दायरे में बंध जाते हैं । यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है कि यदि समान ताकतवर व्यक्ति अनुबंध करता है तो टक्कर बराबरी की होगी। यहाँ पर छोटे किसान भाइयों को बड़े व्यापारियों से करार की बात हो रही है।  इसमें  किसानों का  शोषण निश्चित है |
3. आवश्यक वस्तु अधिनियम:  संशोधन से कोई भी व्यापारी कितना भी हो अनाज अपने गोदाम में रख सकता हैं | इससे व्यापारी किसानों से अनाज सस्ती दर पर खरीदेंगे व कृत्रिम अभाव पैदा करेंगें । कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा| जिसके कारण अपनी उपज को हमें ही अधिक दर पर खरीदना होगा | केंद्र की मोदी सरकार, व्यापारियों  ,बिचौलियों, बड़ी कारपोरेट कंपनियों को सीधे
लाभ पहुंचाने का काम कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की कांग्रेसनीत भूपेश भघेल सरकार की धान खरीदी नीति को अपनाएं | पूरे देश मे अनाज के सभी उत्पादों पर छत्तीसगढ़ की धान खरीदी की नीति को लागू करते हुए अध्यादेश लाये व कानून पास करे ताकि जो तरक्की छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों की हो रही हैं। वही देश के सभी प्रदेश के किसानों की हो।  देश के अन्नदाता किसान तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढे। छाया विधायक ने केंद्र की  मोदी सरकार के तीनों अध्यादेश का पुरजोर विरोध किया है