धमतरी| जिले में आगामी 23 नवम्बर से 18 दिसंबर तक जैपेनीज इन्सेफ्लायटिस टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में एक साल से 15 साल तक की उम्र के दो लाख 57 हजार 160 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टीकाकरण कार्यबल की बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समय सीमा के बैठक के बाद रखी गई। बैठक में कलेक्टर ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया कि अभियान के तहत शत्-प्रतिशत लक्षित बच्चे लाभान्वित हों, इसके लिए वे ब्लाॅक स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेना सुनिश्चित करेंगे। इस अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग का दायित्व होगा कि आंगनबाड़ी आने वाले छः साल तक के सभी बच्चों का टीकाकरण हो, यह सुनिश्चित करें। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी, स्कूलों में आने वाले छः से 15 साल तक के सभी बच्चों का टीकाकरण कराना सुनिश्चित करेंगे। वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों का दायित्व होगा कि वे सभी एक साल से 15 साल तक के आउट आफ स्कूल के बच्चों को लक्षित कर उनका टीकाकरण कराएं। वहीं नगरीय निकायों में आयुक्त तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे अभियान को सफल बनाने में पूरा सहयोग करें। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में यह अभियान धमतरी सहित बस्तर, बीजापुर, दन्तेवाड़ा और कोण्डागांव जिले में चलाया जाएगा। चार सप्ताह तक चलने वाले इस टीकाकरण अभियान के तहत कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.डी.के.तुर्रे को निर्देशित किया है कि वे प्रति सप्ताह प्रगति रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने इस अभियान में ए.एन.एम., मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने कहा है। साथ ही निर्देशित किया है कि अभियान शुरू होने से पहले इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, जिससे कि लोगों को जैपेनीज इन्सेफ्लायटिस बीमारी के संबंध में जानकारी देकर जागरूक किया जा सके तथा टीकाकरण में उनका शत्-प्रतिशत सहयोग प्राप्त हो।
इस मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.बी.के.साहू ने बताया कि यह एक प्रकार का वायरल इन्सेफ्लायटिस (मस्तिष्क ज्वर) है। फ्लैवि वायरस नामक विषाणु इंसानी शरीर को प्रभावित करती है। इस वायरस को क्यूलेसक्स मच्छर की प्रजातियां इंसानों में फैलाती हैं। संक्रमित मच्छर के काटने से यह बीमारी मलेरिया की तरह फैलती है तथा घरेलू पालतू जानवारों में भी यह विषाणु पाए जाते हैं। मुख्य तौर पर यह बीमारी एक साल से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इस बीमारी से 24 से 48 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु की संभावना तथा जटिलता होने पर 70 प्रतिशत बच्चों में मस्तिष्कीय विकलांगता हो सकती है। इसके नियंत्रण के दो प्रमुख उपायों में पहला ’प्रभावी मच्छर नियंत्रण कार्यक्रम’ तथा दूसरा बचाव के लिए टीकाकरण है। प्रदेश में यह अभियान धमतरी सहित चार अन्य जिलों में चलाया जा रहा है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नम्रता गांधी, वनमण्डलाधिकारी अमिताभ बाजपेयी, अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल सहित जिला टास्क फोर्स समिति के सदस्य और वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ब्लाॅक स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।