घर-घर विराजेंगे गणपति बप्पा

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धमतरी | शनिवार से गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिनी उत्सव का श्रीगणेश हो जाएगा। पर्व को  लेकर शहर से लेकर गांवों मे उत्साह देखा जा रहा है |आकर्षक पंडाल सजने लगे है|  हालांकि इस बार पंडालो की साइज़ छोटी होगी | पंडालो के अलावा घरो मे भी गणेशजी की  स्थापना की जाती है | दस  दिनों तक पूजा अर्चना के बाद विसर्जन कर दिया जाता है |  मान्यता है  कि जिनके  घरों  मे बाप्पा की पूजा होती  है उनके घरों  मे भगवान की विशेष कृपा होती है| उनके घरों मे  कोई संकट नहीं आता है| गणेशजी की कृपा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं | सभी  की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

गणेश चतुर्थी का शुभारंभ कल से हो रहा  है | इस बार कोरोना संक्रमण और सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए बड़ी मूर्तियों  की स्थापना नहीं की जाएगी |शहर समेत गावो मे आकर्षक पंडाल तैयार किया जा रहा है| अंतिम टच देना बाकी है |  मूर्तियों की कीमत मे मामूली  बढ़ोतरी हुई है|  घरो मे भी  गणेश जी  की  स्थापना  की जाती  है |  कोरोना संकट को देखते हुए  प्रशासन ने प्रतिमाओं की अधिकतम ऊंचाई 4 फीट तय की है। पंडाल की साईज 15×15 से कम होगी। रात्रिकालीन आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे। पंडालों के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी, ताकि अनावश्यक भीड़ नहीं हो। प्रत्येक गणेश पंडाल में थर्मल स्क्रिनिंग, हैण्डवाॅश, सैनेटाइजर का उपयोग किया जाना आवश्यक है। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी प्रकार के भोज, भण्डारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत अथवा कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। सभी को मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तथा गणेश पंडाल में समिति द्वारा प्रत्येक दो-तीन घंटे में सैनेटाईजेशन किया जाना अनिवार्य होगा।

गणेश स्थापना का सुबह  मुहूर्त

पंडित  नरेश दुबे ने बताया  कि  भगवान  गणेश की  सर्वप्रथम  पूजा  होती  है|  गणेश जी पूजा करने से  सभी संकट दूर  हो जाते है |  उन्होंने बताया  कि  सुबह 7:30 बजे से 9बजे तक  शुभ  मुहूर्त , दोपहर 12: 30 से 1: 30 से  चर मुहूर्त, दोपहर 1:30 से 3 बजे तक  लाभ मुहूर्त,  दोपहर  3 बजे से 4 बजे  तक अमृत बेला , शाम 6  बजे से 7: 30 बजे तक लाभ मुहूर्त है |