कृषि सुधार विधेयक किसानों को गुलाम बनाने की दिशा में एक कदम:  कविता योगेश बाबर

426

धमतरी | कृषि सुधार संशोधन विधेयक 2020 केन्द्र में बैठी नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित करवाकर राष्ट्रपति से दस्तख़त करवाकर क़ानून का रूप दे दिया है| देश में इस विधेयक के विरोध में धरना प्रदर्शन  हो रहा है | ख़ासकर पंजाब हरियाणा दिल्ली के किसान सड़कों पर उतर आए हैं और इसका घोर विरोध कर रहे हैं|  विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी पूरे भारत देश में इसका विरोध कर रही है जो उचित है और किसानों के हक़ के लिए हैं |

कविता योगेश बाबर ने कहा कि आज भारत देश के 80% से ऊपर के किसान लघु कृषक के रूप में आते हैं जिनके पास 2-3 एकड़ की ज़मीन खेती के लिए उपलब्ध है | केंद्र सरकार ने इस विधेयक को लाने के पश्चात अपनी यह दलील दी कि इसमें आढ़तिया कमीशन खोरी और किसानों को जो हक़ का नुक़सान हो रहा था उस पर रोक लगेगी|  किसान अपनी उपज को मंडियों में उन्होंने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं | ऐसा तर्क दिया जा रहा है जोकि सर्वथा अनुचित है | सरकार द्वारा यह भी तर्क दिया जा रहा है कि इस क़ानून के आने से किसान अपनी फ़सल को राज्य से बाहर भी बेच सकेंगे | दो राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा लेकिन जहाँ तक हमारे देश व प्रदेश में किसानों की बात है |छोटे वर्ग की किसानों की बहुतायत है और अपनी थोड़ी सी फ़सल को लेकर कोई भी किसान दूसरे राज्यों में बेचने जाने में सक्षम नहीं हो पाएगा | इस विधेयक के लागू होने से जो किसान आज मंडियों के माध्यम से अपनी उपज को बेचते हैं वह मंडी प्रथा समाप्त हो जायगी एवं इसमें बड़े बड़े औद्योगिक घराने हावी हो जाएंगे और आने वाले समय में उनके द्वारा किसानों का  शोषण किया जावेगा और अपनी मनमर्ज़ी दामों में उनकी फ़सल को ख़रीदा जाएगा | सरकार यह कह तो ज़रूर रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को ज़रूर मिलेगा लेकिन कांग्रेस पार्टी की माँग यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रति यदि सरकार के मन में कोई भी भाव द्वेष नहीं है तो इसे वह  क़ानून बनाकर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लाभ दे सकती है इससे सिर्फ़ सरकार मुँह ज़बानी मौखिक रूप से आश्वासन दे रही है कि उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा लेकिन ऐसी कोई बात इसमें दिख नहीं रही है | भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन किसानों की दशा और दिशा बदलने में इस सरकार की कोई रुचि नहीं दिखती और इस क्षेत्र में दख़ल अंदाजी न करने करते हुए किसानों को उनकी उपज का भरपूर मूल्य मिले ऐसी नीति बनानी चाहिए | हमारे देश का किसान जब उठेगा और आगे बढ़ेगा तो उसके साथ ही साथ देश की तरक़्क़ी भी निश्चित रूप से होगी | यदि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों का ही शोषण करती  रहेगी  तो इस देश को रसातल में जाने से कोई नहीं रोक सकता | उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम राज्य स्तर पर किसानों के उत्थान के लिए एक नीति बनाएंगे जिससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके एवं किसान किसी बड़े औद्योगिक घराने या व्यापारी के चंगुल में क़ैद होकर ना रह जाए | हम ऐसी नीति बनाएंगे जिससे हमारी राज्य की कांग्रेस सरकार किसानों को उनका अहित नहीं होने देगी एवं उनकी  फ़सल का उचित मूल्य उनको राज्य के भीतर उपलब्ध कराया जाएगा जोकि किसानों के हित के लिए  बहुत ही अच्छी बात है | भूपेश बघेल ने जबसे छत्तीसगढ़ में मुखिया की ज़िम्मेदारी संभाली है| शुरू से ही उन्होंने किसान के उत्थान के लिए और उनके हित के लिए  योजनाई बनाई | वे किसानों के दुख दर्द कोअच्छी तरह से समझते हैं | उन्होंने छत्तीसगढ़ की सत्ता का कमान संभालते ही धान का समर्थन मूल्य,  कर्ज माफ़ की बात हो, गाँव में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना गोधन न्याय योजना हो सारी योजनाएं किसानों के इर्द-गिर्द ही रही है | केंद्र में बैठी भाजपा की नरेन्द्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार को भी यह सोचना चाहिए कि हमारे देश का किसान जब तक अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा, सक्षम नहीं होगा उसको अपनी उपज का समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तब तक हमारा देश तरक़्क़ी के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता |उन्होंने आगे कहा इस बिल से न सिर्फ़ किसानों का अहित होगा बल्कि किसान बड़े व्यापारियों के चंगुल में फँसकर ग़ुलाम बनकर रह जाएंगे| मैं इस संशोधन विधेयक का घोर विरोध करती हूं |