उर्वरको के अवैध परिवहन, कालाबाजारी/मुनाफाखोरी रोकने कृषि विभाग मुस्तैद

4

जिले में पर्याप्त उर्वरक भण्डारण, उर्वरको के अवैध परिवहन, कालाबाजारी/मुनाफाखोरी रोकने कृषि विभाग मुस्तैद

धमतरी | जिले में पर्याप्त वर्षा होने के कारण कृषि कार्य दु्रतगति से जारी हैं। कृषक खेतो की तैयारी के साथ-साथ धान की रोपाई में व्यस्त हैं हालांकि अत्यधिक वर्षा होने से निचली भूमि में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं जिससे रोपाई कार्य आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। जिले के सभी विकासखण्डो में सहकारी समितियो के माध्यम से पर्याप्त उर्वरको का भण्डारण किया गया हैं। किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण, बीज एवं उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। जिले में अभी तक 27155.37 मीट्रिक टन उर्वरको का भण्डारण किया जा चुका हैं तथा 22469.14 मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका हैं शेष 4686.23 मीट्रिक टन उर्वरकों का उठाव प्रगतिरत हैं। समितियों के माध्यम से जिले में यूरिया 12230.47 मीट्रिक टन, सिंगल सूपर फॅास्फेट 5352.45 मीट्रिक टन, डी. ए. पी. 4343.85 मीट्रिक टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश 1543.70 मीट्रिक टन भण्डारण किया गया हैं।
जिले में रासायनिक उर्वरको की कोई कमी नही हैं। डी.ए.पी. पर्याप्त मात्रा में भण्डारित हैं तथा डी.ए.पी. के वैकल्पिक उर्वरको का भण्डारण भी पर्याप्त मात्रा में किया गया हैं। इसके अलावा किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी का भी छिड़काव करने की सलाह दी गई है। वैकल्पिक उर्वरको में सल्फर की उपलब्धता होने के कारण फसलो में क्लोरोफिल एवं प्रोटीन का निर्माण, फसलो में रोक प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि तथा मृदा अम्लीयता को सुधार कर फसलो की जड़ का विकास करती हैं। पोषक तत्वो की उपलब्धता बढाने से उत्पादन में वृद्धि होती हैं। किसान इसके विकल्प के रुप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा बताए गए अनुशंसित मिक्स खाद का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने किसान भाईयों को बेहतर फसल उत्पादन के लिए फास्फोरस एवं नत्रजन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु अन्य उर्वरकों का उपयोग करने की तकनीकी सलाह दी जा रही हैं।
धान की जल्दी पकने वाली व देशी किस्म हेतु 24 किलोग्राम नत्रजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है. जिसकी पूर्ति 52 किलोग्राम यूरिया, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 50 किलोग्राम एनकेपीके (12ः32ः16) 39 किलोग्राम यूरिया या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20ः20ः13) 18 किलोग्राम यूरिया एवं 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है, धान की किस्में दीर्घ अवधि 141 दिन से अधिक हेतु 32 किलोग्राम नत्रजनए 20 किलोग्राम स्फूर एवं 12 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति 70 किलोग्राम यूरिया, 125 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या से की जा सकती हैं। एनकेपीके (12ः32ः16) 54 किलोग्राम यूरिया व 4 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश से की जा सकती है।
जिले के समितियो में उन्नत एवं प्रमाणित बीज – एम.टी.यू -1010, एम.टी.यू-1001, स्वर्णा, महामाया, आई.आर.-64, स्वर्णा सब -1 का भण्डारण 12018.50 क्वि. एवं वितरण 10506.30 किया गया हैं। वितरण कार्य प्रगतिरत हैं। जिले के सभी विकासखण्डो में बीज उर्वरक एवं कीटनाशक निरीक्षक की नियुक्ति की गई हैं जो कि बीज उर्वरक एवं कीटनाशक की गुणवत्ता का निरीक्षण करने हेतु नमुना लेकर प्रयोगशाला भेजी जाती हैं। नमूना अमानक होने की स्थिति निहित प्रावधानो के अनुसार कठोर कार्यवाही की जाती हैं। उक्त निरीक्षक के अलावा जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा सतत निरीक्षण की जा रही हैं। किसानो को मैदानी अमले के द्वारा समसामयिकी सलाह एवं तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा हैं।