कृषि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर एनएसयूआई का अनोखा प्रदर्शन, कुलपति से इस्तीफे की मांग

19

रायपुरl छत्तीसगढ़ के कृषि विश्वविद्यालय में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ एनएसयूआई (NSUI) ने शुक्रवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई खरीद प्रक्रियाओं में घोटाले किए हैं। विरोध के दौरान “ईमानदारी की आत्महत्या” को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाते हुए पुतले की शवयात्रा भी निकाली गई, जिससे माहौल में भारी गर्माहट आ गई।

पुतले की शवयात्रा और नारेबाजी

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से लेकर कुलपति कार्यालय तक एक प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली, जिसमें “ईमानदारी की मौत” को दर्शाया गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार नारेबाजी की और कुलपति से मिलने की मांग की।

हालांकि, कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल उस समय कार्यालय में मौजूद नहीं थे, लेकिन कार्यकर्ता उनके बुलाने की मांग पर अड़े रहे। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने कुलपति कार्यालय के चैनल गेट को तोड़ने की कोशिश की। मौके पर पुलिसकर्मी मौजूद थे और स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में रोटी मेकर, कैमरा जैसी कई खरीदी में घोटाले हुए हैं। उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भी भर्ती घोटाले का आरोप लगाया। उनका कहना था कि “जब से डॉ. गिरीश चंदेल कुलपति बने हैं, ईमानदारी की जगह भ्रष्टाचार ने ले ली है।”

कुलपति के इस्तीफे की मांग

प्रदर्शन में शामिल एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा का मंदिर माना जाता है, लेकिन वर्तमान प्रशासन ने इसे भ्रष्टाचार का केंद्र बना दिया है। उन्होंने कुलपति से इस्तीफा देने की मांग की और बताया कि छात्रों को मिलने वाला स्टाइपेंड भी रोक दिया गया है।

भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी

नीरज पांडेय ने यह भी बताया कि एबीवीपी को विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय अधिवेशन की अनुमति देना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि दूसरी छात्र संगठनों को कभी अनुमति नहीं मिलती। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

मुख्य बिंदु (Key Highlights):

कृषि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ NSUI का प्रदर्शन।

रोटी मेकर और कैमरा खरीदी सहित अन्य मामलों में घोटाले का आरोप।

कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल से इस्तीफे की मांग।

ईमानदारी की आत्महत्या दर्शाते हुए प्रतीकात्मक शवयात्रा।

मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी।