स्वास्थ्य विभाग ने जारी की होम आइसोलेशन के लिए निर्देशिका

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धमतरी| कोरोना संक्रमण के दौरान होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संक्षिप्त निर्देशिका जारी की है। इसके जरिए होम आइसोलेशन की प्रक्रिया, पात्रता-अपात्रता, नियम सहित मरीजों को बरतने वाली आवश्यक सावधानियां इत्यादि बताई गई है।
होम आइसोलेशन के लिए पात्रता
कोविड 19 के धनात्मक ऐसे मरीज जो लक्षण रहित अथवा कम लक्षण के हों, वे होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। इसके लिए मरीज के घर पर अलग से शौचालययुक्त हवादार कमरा, उसकी 24 घंटे देख-रेख के लिए परिजन/परिचारक उपलब्ध होना चाहिए। सभी शासकीय दिशा-निर्देशों का पालन करने की लिखित सहमति, चिकित्सक के बताए अनुसार नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना अपने सभी पैरामीटर की जानकारी प्रतिदिन कम से कम दो बार कंट्रोल रूम में भेजना जरूरी है। को-माॅर्बिड अथवा अधिक उम्र के मरीज प्रतिदिन कम से कम एक बार वीडियो काॅलिंग की सहमति के अलावा, घर पर पूरे समय मास्क लगाकर रहना तथा साफ-सफाई के सभी निर्देशों का पालन , मरीज के परिजनो को परामर्श अनुसार नियमित रूप से बचाव के लिए अपनी दवाओं का सेवा करना तथा मरीज का अपने घर/कमरे से पूरे 17 दिन तक बाहर नहीं निकलने की शर्तों के साथ उन्हें होम आइसोलेशन की पात्रता दी गई है।
होम आइसोलेशन के लिए प्रक्रिया
कोविड 19 के धनात्मक मरीजों को उपलब्ध एप अथवा हार्ड काॅपी के माध्यम से कंट्रोल रूम से सहमति और चिकित्सक की अनुमति के बाद होम आइसोलेशन की स्वीकृति दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मरीज उस क्षेत्र के खण्ड चिकित्सा अधिकारी अथवा चिकित्सा अधिकारी की अनुमति के बाद ही होम आइसोलेशन के लिए पात्र होंगे। प्रत्येक मरीज होम आइसोलेशन की पात्रता के संबंध में एक शपथ पत्र भरकर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। आपातकालीन स्थिति में मरीज अपने नजदीक के कोविड अस्पताल में उपलब्ध एंबुलेंस अथवा स्वयं निजी वाहन से तत्काल पहुंचेंगे। गौरतलब है कि संजीवनी एंबुलेंस सेवा-108, आरोग्य एवं परामर्श सेवा-104 और मुक्तांजली सेवा के लिए 1099 नंबर पर डायल किया जा सकता है।
होम आइसोलेशन के लिए अपात्र
ऐसे मरीज जो अधिक उम्र के एवं ईमिनो कंप्रोमाइज (एच.आई.व्ही. पाॅजिटिव) व्यक्ति, अंगदान के मरीज तथा कैंसर के उपचाररत मरीज इत्यादि होम आइसोलेशन के लिए अपात्र होंगे। ऐसे मरीज जो गंभीर किडनी की बीमारी से ग्रसित हो, जिनका डायलिसिस निरंतर चल रहा हो अथवा सिरम क्रियेटिनी दो से ज्यादा या गंभीर स्थिति में हो अपात्र हैं। सांस की परेशानी के ऐसे मरीज जिनका इजेक्सन फ्रेक्शन 30 प्रतिशत से कम है तथा जो गत तीन माह के अंदर सांस अथवा हृदय संबंधी रोगों के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हों, वे भी होम आइसोलेशन के लिए अपात्र होंगे। इसके अलावा ऐसे मरीज जिनके पास स्मार्ट फोन उपलब्ध नहीं है, स्मार्ट फोन चलाना नहीं आता, जो पहुंचविहीन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां मोबाईल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, जिनके घर पर पृथक से शौचालययुक्त कमरा नहीं हो और एकल निवास करने वाले व्यक्ति होम आइसोलेशन के लिए पात्र नहीं माने जायेंगे ।
होम आइसोलेशन के मरीजों को अनिवार्य रूप से पालन किए जाने वाले नियम
होम आइसोलेशन के लिए बताए गए नियमों का पालन करने के अलावा मरीज प्रतिदिन अपने आॅक्सीजन सांद्रता एवं तापमान की रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। कंट्रोल रूम/चिकित्सक से आने वाले टेलीफोन का सही जवाब देंगे, पूरी आइसोलेशन अवधि के दौरान घर से बाहर नहीं निकलेंगे, अपने कमरे के शौचालय, बर्तन, कपड़े की प्रतिदिन नियमानुसार सफाई करेंगे, किसी भी प्रकार से खतरे की अवस्था होने पर तत्काल चिकित्सक/कंट्रोल रूम में सूचित करेंगे। चिकित्सक के परामर्श अनुसार नियमित दवाई का सेवन करेंगे, सभी प्रकार के दस्तावेजों में सही जानकारी उपलब्ध कराएंगे, अपने परिजनों की कोविड जांच नियमानुसार कराएंगे, परिजनों को चिकित्सक द्वारा बताए गए आवश्यक प्रोफिलेक्सिस की दवाई का सेवन कराएंगे।
होम आइसोलेशन के मरीजों को नहीं करने संबंधी निर्देश
होम आइसोलेशन के मरीज घर के अंदर अन्य कमरों में नहीं जाएं, घर पर बिना मास्क के नहीं रहें, अपने बर्तन एवं कपड़ों को खुद साफ करें, दवाइयों का सेवन बंद नहीं करें, अपनी जांच की रिपोर्ट नियमित रूप से चिकित्सक/कंट्रोल रूम को जरूर दें, किसी भी खतरे की आशंका को नजरअंदाज नहीं करें, नजदीक के कोविड अस्पताल की पूरी जानकारी रखें। आपातकाल में उपयोग के लिए एंबुलेंस/निजी वाहन की व्यवस्था की जानकारी पूरी तरह से रखें, बिना चिकित्सक के सलाह के किसी भी प्रकार की जांच अथवा दवाई का सेवन नहीं करें, किसी भी खतरे की आशंका से तत्काल चिकित्सक/कंट्रोल रूम को अनिवार्य रूप से अवगत कराया जाए। अपना मोबाइल स्वीच आॅफ नहीं करें, जानकारी गलत नहीं दें तथा होम आइसोलेशन के दौरान घर से बाहर नहीं निकलें।