सिरामिक उत्सव नगाड़ा २०२४’ का समापन

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धमतरी । हीरा सिरामिक फाउंडेशन, कुरुद द्वारा प्रतिवर्ष हो रहे सिरामिक उत्सव नगाड़ा २०२४ की शुरूआत कुरुद के नगर चित्रकार बसंत साहू और भानु चन्द्राकर के करकमलो से हूआ था। इस राष्ट्रीय स्तर के सिरामिक कार्यशाला में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के १९ ख्यातिप्राप्त कलाकारों ने भागीदारी की थी। युवा कलाकारों को प्रोत्साहन हेतु फाउंडेशन द्वारा हर साल होली के बाद रंग पंचमी के दिन से सिरामिक कार्यशाला का आयोजन कीया जाता है। जिससे नवयुवा कलाकारों को देश के विभिन्न भागों से आये हुए वरिष्ठ कलाकारों के साथ काम करने का और चर्चा करने का मौका मिलता है और साथ ही तत्कालीन समय में हो रही घटनाओं की जानकारी भी प्राप्त होती है। हमारी लोक परंपरा नगाड़ा के साथ जुड़ी हुई है इसलिए कार्यशाला का नाम “नगाड़ा उत्सव” रखा गया है। इन दिनों को नगाड़ा के साथ जैसे लोकगीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी जोड़ा गया है, वैसे ही सिरामिक उत्सव को भी इसके साथ जोड़ने का प्रयास करके बाहर से आने वाले कलाकारों को भी इसकी जानकारी मिले और वह लोगों को भी हमारी पारंपरिक संस्कृति के साथ जुड़ने का अवसर मिले।

इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में योगेन्द्र त्रिपाठी, सुनिता वर्मा, हुकुम लाल वर्मा और अनंत साहू ने उपस्थित रहकर कलाकारों के साथ कार्यशाला का आनंद उठाया। अन्य अतिथि कलाकार के रूप में महाराष्ट्र से अपूर्वा नंदी, मुकुन्द जेठवा, गुजरात से कृष्ण पडिया, शैलेष पंडित, उतर प्रदेश से डॉ. लकी टांक, प्रेम शंकर प्रसाद और अरुणेश वासुदेव, मध्यप्रदेश से रानी मदामे एवं छत्तीसगढ़ के विजया त्रिपाठी, जीतेन्द्र साहू, प्रविण कुमार प्रजापति, राधिका चौहान, विभूति जैन, संयोजक चिरायु सिन्हा और सहसंयोजक देशना जैन ने अपनी-अपनी कला से कुरुद नगर को कलारंग मे भर दिया था।

समापन समारोह में पूर्व नगर अध्यक्ष और शिल्पकार रविकांत चंद्राकर, सुरेश अग्रवाल और पार्षद राघवेन्द्र सोनी ने उपस्थित रह कर कलाकारों की कलाकृतियों को देखकर भावविभोर हुए थे, अपने प्रतिभाव देते हुए कहा कि हम जो कलाकृति देखते हैं उसके पीछे कितनी मेहनत लगती है वह देखने को मिला।

छत्तीसगढ़ की कलाप्रेमी जनता ने भी इस कला उत्सव नगाड़ा की बड़ी संख्या में मुलाकात लेकर कलाकारों की कला को प्रोत्साहित किया था।