
धमतरी | मानसिक दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र सार्थक में श्रीमती रेवंती पंजवानी , अपने दिवंगत पति भीमनदास जी की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर बच्चों से मिलने, अपनी बहू राखी एवं अंजू तथा बेटी मीना और पोती हर्षिता के साथ आईं।
सर्वप्रथम सार्थक के बच्चों ने अतिथि दादी एवं पंजवानी परिवार का, स्वागत- गीत और पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। उसके पश्चात सबने मिलकर दीप प्रज्वलित कर “मेरे सिर पर रख दो बाबा अपने दोनों हाथ, और राखी पंजवानी ने “पूरा ध्यान लगा गुरुवर दौड़े- दौड़े आएंगे | भजन गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। और प्रत्येक बच्चे के पास स्वयं जाकर उसके सर पर स्नेहपूर्वक हाथ फेरा और उन्हें शॉल ओढ़ाया।
स्टिक के सहारे से चलकर, व्हीलचेयर पर बैठे बच्चों तक भी, वे बहुत सरलता और सौम्यता से पहुँचतीं रहीं। साथ ही बच्चों से मिलकर खुशी और संतोष के भाव उनके चेहरे से सहज ही झलक रहे थे । उन्होंने कहा, दिव्यांगों की सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है। और उन्होंने भविष्य में बच्चों के हितार्थ सहयोग करने का वादा किया। दादी के स्नेह उपहार के एवज़ में अधिकांश बच्चों ने मुस्कुराते हुए उन्हें थैंक्यू कहा।
सार्थक अध्यक्ष सरिता दोशी ने प्रशिक्षकों का परिचय कराते हुए सार्थक के सुचारू रूप से संचालन की जानकारी अतिथियों को दी। और पंजवानी परिवार की वरिष्ठ सदस्य रेवंती देवी के द्वारा, बच्चों के लिए प्रेम व्यवहार और परवाह की भरपूर सराहना की।
राखी पंजवानी जो बच्चों से पहले भी कई बार मिलने आई थी बच्चों में आए बदलाव को देख बेहद आनंदित हुई। सचिव स्नेहा राठौड़ ने सार्थक के बच्चों को बढ़ती ठंड से बचाने, शॉल के उपहार के लिए पंजवानी परिवार का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में श्रद्धा साहू (बड़ोदा) ,मैथिली गोडे, गीतांजलि गुप्ता, स्वीटी सोनी, देविका दीवान, सुनैना गोडे, नाजिया बेगम, प्रेमबती साहू, उपस्थित थे।