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शबेकद्र में दुनिया-आखरत संवारने हुई इबादत

धमतरी. शबेकद्र के मौके पर मुस्लिम भाईयों ने इबादत कर अपनी दुनिया और आखरत को संवारने के लिए बारगाहे रिसालत में दुवा मांगी। इस मौके पर तरावीह अदा कराने वाले हाफिजों का इस्तकबाल कर उन्हें नजराना पेश किया गया।


रमजान महीने की एक रात को शबेकद्र कहा गया है, जो खैर व बरकत के एतबार से हजार महीनों से भी अफजल है। इस रात की एक अहम तारीखी हैसियत है। इसी रात हजरत आदम सफीयुल्लाह अलैहिस्सलाम का बदन बनाने का सामान आसमान पर जमा किया जाने लगा। इसी रात जन्नत में पेड़ वगैरा लगाए गए। इसी रात हजरत ईसा अलैहिस्सलाम आसमान पर उठाए गए। इसी रात बनी इस्राईल कौम की तौबा कबूल हुई। मदीना मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना तनवीर रजा ने बताया कि रमजान का मुबारक महीना बड़ा तारीखी महीना है। अल्लाह पाक ने हमारी हिदायत के लिए अपना कलाम (कुरआन शरीफ) इसी मुबारक महीने में नाजिल फरमाया और इस महीने में एक रात ऐसी बाअज्मत बनाई, जिसमें इबादत करना हजारों महीनों की रातों में इबादत करने से बेहतर है, जिसे शबेकद्र कहा जाता है। यही वजह है कि शबेकद्र के मौके पर मुस्लिम भाईयों ने अल्लाहताला की खुशनुदीयत हासिल करने के लिए मस्जिदों और अपने घरों में इबादत की। कब्रस्तान में जाकर अपने बुजुर्गाे की मगफिरत की दुआ भी मांगी। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के चलते मुस्लिम भाईयों ने शबेकद्र के मौके पर अपने घरों में ही इबादत की। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाजें तरावीह अदा की गई। इस मौके पर मस्जिदों को आलीशान ढंग से सजाया गया था। इदारों कमेटियों की ओर से पेश इमाम और मोअज्जनों को नजराना पेश किया गया।
ईद की नमाज होगी घरों में
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमेन सलाम रिजवी ने बताया कि अलविदा जुमा और ईदुल फितर की नमाज में भी लॉकडाउन के नियमों का पालन किया जाएगा। कोविड-9 वैश्विक महामारी घोषित की गई है। इस बीमारी ने पूरे देश-दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए केन्द्र और राज्य शासन द्वारा विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान अलविदा जुमा की नमाज और इबादत आम मुसलमान अपने.अपने घरों में अदा करेेंगे।

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