बड़े बड़े शहरो में घूम घूम कर चोरी करने वाले चादर गैंग, शटर कटवा गैंग चढे पुलिस के हत्थे 

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एस पी राजभानु सिंह की कुशल रणनीति एवं ए एस पी मनीषा ठाकुर रावटे का कुशल नेत्तृत्व ने पर्दाफाश किया इस बड़ी चोरी का साथ ही कोतवाली टी आई नवनीत पाटील की टीम एवं सायबर सेल  की टीम ने रात दिन विशेष मेहनत कर इन चोरो को 9 दिनों में पकड़ने सफलता हासिल की है |   

अंतरराष्ट्रीय गिरोह के 7 सदस्यों की गिरफ्तारी मोबाइल और लैपटॉप आदि इलेक्ट्रॉनिक समान के दुकानों में चोरी करने वाले घोड़ासहन मोतिहारी के शातीर गैंग के 7 सदस्यों को पकड़ा गया । आरोपी घोड़ासहन, मोतिहारी, बिहार के चादर गैंग, शटर कटवा गैंग के सदस्य है| 

धमतरी | आपको बता दे दी दिनांक 20 दिसम्बर 2020 को राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित विकास मोबाइल दुकान से 136नग मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक समान की चोरी हुई थी, पूरा सामान 19,48,000 रुपये कीमत का था। पुलिस ने अलग अलग टीम बना कर चोरो को पकड़ने लिए निकली थी | चोरो के बारे में सूचना देने के लिए पुलिस की तरफ से 10000 रूपये का इनाम भी रखा गया था |

पुलिस टीम की महेनत रंग लाई और  9 दिनों में 7 आरोपी धमतरी पुलिस की गिरफ्त में आ गए आरोपियों ने पूरी घटना को केवल 15 मिनट में दिया अंजाम। चोरी के दिन डॉग स्काड और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद भी ली गयी। चोरी के दौरान वे दुकान से DVR भी ले कर चले गए थे। सभी सदस्यों का घटना के दौरान मोबाइल बंद था। दुकान के ऊपर स्थित लॉज से प्राप्त फुटेज में गिरोह में 9 सदस्यों का होना पता चला था। उनका वीडियो फुटेज घटना के 20 मिनट बाद बसस्टैंड में भी देखा गया। तीन सदस्यों का बस में सवार हो कर रायपुर जाना पता चला।  ये सदस्य रायपुर घड़ी चौक में उतर कर कहीं और चले गए। इस संबंध में आगे का फुटेज नही मिल पाया। कई वीडियो फुटेज और टावर डंप खंगालने के बाद भी कोई सुराग नही मिल रहा था। शहर और आस पास के क्षेत्र की सघन चेकिंग होटल लॉज की चेकिंग की गई।तकनीकी साक्ष्य के अलावा बेसिक पुलिसिंग से भी साइबर सेल और कोतवाली पुलिस को अहम साक्ष्य प्राप्त हुए। एक ही दिन में सात आरोपियों को अलग अलग जगह से पकड़ा गया। ये गैंग चोरी किये समान को तुरंत ही अन्य सदस्य के माध्यम से नेपाल के बाजार में खपा देते हैं। छत्तीसगढ़ के बड़े शहर राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर में मोबाइल दुकान में चोरी को अंजाम देने के लिए दुकान टारगेट कर चुके थे।

 गैंग के सदस्य पूरी तरह से चोरी के लिए प्रशिक्षित है ये कभी साथ मे नही घूमते, अलग अलग ही घूम कर अपने अपने काम को अंजाम देते है। और पूरी रेकी के बाद निर्धारित दिन आपस मे मिलते हैं। अचानक परिवार के एक व्यक्ति की मृत्यु के कारण दो सदस्य वापस चले गए थे। उन दो सदस्यों के मोतिहारी बिहार से वापस आते ही ये गैंग पुनः नई घटना को अंजाम देने वाले थे। पूछताछ में पता चला कि विजयनगरम के एक मोबाइल दुकान की रेकी कर दुकान को टारगेट बना चुके थे। बड़ी सफलता हासिल करते हुए इस गैंग के 9 में से 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अलग अलग लॉज में दूर दूर रुकना इनके वारदात का तरीका है।

आरोपियों के पास से 89,199 रुपये नगद और 9 मोबाइल सेट पेपर कटर, सब्बल, चादर, जैकेट, बैग, चाबी बरामद हुआ है। घटना के दौरान ये चादर का उपयोग कर शटर के सामने आड़ बनाते है। शटर को थोड़ा काट के ये उसे लिफ्ट करते है । इस कारण इस गैंग को चादर गैंग और शटर कटवा गैंग के नाम से जाना जाता है। आपस में कोड में बात करते है। पुलिस को मास्टर और पेट्रोलिंग वाहन को आते देख चक्का डोलना कहा करते है। खतरे के आभास होने से दोनों हाथ ऊपर कर के इशारा करते थे। काम करने वाले सभी सदस्यों को काम के हिसाब से अलग अलग नाम दिया करते है।सरगना मालिक कहलाता है। शटर तोड़ने वाले लोग पहलवान, अंदर घुसने वाले लोग प्लेयर कहलाते है। गैंग का सरगना जिसे ये लोग मालिक कहते है चोरी की पूरी प्लानिंग और अन्य लोगों के काम का विभाजन करता है। साथ ही वह चोरी के समान को तुरंत ठिकाने लगाने के लिए नेपाल के लोगों से संपर्क करता है।

धमतरी पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया जिससे निकट भविष्य में राज्य में होने वाली अन्य बड़ी चोरी की घटना को रोका जा सका। सरगना गोविंद चौधरी उम्र 41 वर्ष को धमतरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।सरगना गोविंद चौधरी पिता मिश्रीलाल चौधरी ,वार्ड न 2 धरमपट्टी, राधोपुर, सुपौल, बिहार ,दिनेश पासवान पिता राजकुमार पासवान ,वार्ड न 2 घोड़ासहन, भगवानपुर, कोटवा, ईस्ट चंपारण, बिहार, भरत भूषण पवन पिता संकरदास वार्ड नो 7 , टोले घोड़ासहन, ईस्ट चंपारण, बिहार, योगेंद्र प्रसाद पिता विश्वनाथ प्रसाद वार्ड नो 05, घोड़ासहन, ईस्ट चंपारण, बिहार, रामबाबू राय पिता शंकर राय, वार्ड नो 06 बिजबनी, जितना, बिहार,श्रीराम साह पिता रामेश्वर साह, बरियारपुर, मोतिहारी, ईस्ट चंपारण, बिहार, राजेश्वर दास पिता स्व बिगू दास  पकईटोला, घोड़ासहन, ईस्ट चंपारण, बिहार