Home Latest बेहतर कार्ययोजना के चलते छत्तीसगढ़ में महामारी के संक्रमण पर नियंत्रण

बेहतर कार्ययोजना के चलते छत्तीसगढ़ में महामारी के संक्रमण पर नियंत्रण

राजेश रायचुरा

धमतरी |  छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के संक्रमण को रोकने के लिये पूर्वानुमान लगाकर बेहतर तैयारी और कार्ययोजना के साथ इसका सामना किया इसके कारण अन्य राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में संक्रमण को नियंत्रण में रखने में सफलता मिली। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने राहत भरे फैसले कर संकट में फंसे प्रदेशवासियों की हर संभव मदद की।

उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी के  अध्यक्ष शरद लोहाना  ने कही है  उनके साथ पूर्व अध्यक्ष मोहन लालवानी, महापौर विजय देवांगन , पंकज माहवर, आलोक जाधव, निशु चंद्राकर , हरमिंदर छाबडा मौजूद  थे उन्होंने जारी  बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की जनता के नाम जारी अपने पहले ही संदेश में कह दिया था कि हम अपने राज्य में किसी को भूखा सोने नहीं देंगे और इस डेढ़ महीने से अधिक के लाॅकडाउन के दौरान धरातल पर उन्होंने ऐसा किया भी है। राज्य के 56.48 लाख गरीब परिवारों को अप्रैल, मई और जून 3 माह का राशन निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया। बिना राशनकार्ड वाले व्यक्तियों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलो चांवल देने का निर्णय लिया गया। लाॅकडाउन में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योेजना) के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं।

यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी लगभग 20 लाख मजदूर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान राज्य एवं राज्य के बाहर के लगभग 3 लाख श्रमिकों की समस्याओं का सीधे तौर पर निराकरण किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में श्रमिकों, मजदूरों और अन्य व्यक्तियों को आश्रय, भोजन और अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी गयी। अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिये वहां के मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें भोजन, आश्रय इत्यादि उपलब्ध कराया गया। छत्तीसगढ़ के कुल एक लाख 24 हजार 205 श्रमिकों, देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में लाॅकडाउन के कारण फंसे थे, अन्य राज्यों में संकट का सामना कर रहे 16,885 श्रमिकों को लगभग 66 लाख रूपये की राशि प्रदान की गयी।शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में 81,669 श्रमिकों को पुनः रोजगार मिला। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री को 2 मई को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस राज्य में लाने के लिये 28 ट्रेन  चलाने की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के निर्देशों के प्राप्त होते ही राज्य सरकार ने 4 मई को रेल्वे को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों की राज्य वापसी में लगने वाले ट्रेन  के सारे खर्च को वहन करेगी। लाॅकडाउन में वनोपज संग्रहण में भी छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर हैं। देश के कुल वनोेपज संग्रहण का 99 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ ने ही किया है। सेंटर फाॅर माॅनीटरिंग इंडियन इकाॅनामी (सी.एम.आई.ई.) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में बेरोजगारी की दर केवल 3.4 प्रतिशत रही है। जबकि इस समय देश की औसत बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत रही है। उन्होंने बताया कि कोटा में लाॅकडाउन के कारण फंसे छत्तीसगढ़ के 2252 विद्यार्थियों को 97 बसों में वापस राज्य लाया गया। इस पर राज्य सरकार ने 1.45 करोड़ व्यय किये।राज्य के अंदर लगभग 6 हजार श्रमिकों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थित अपने गांव जाने के लिये व्यवस्था की गयी। जबकि इस समय देश की औसत बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत रही है। राज्य के अंदर लगभग 6 हजार श्रमिकों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थित अपने गांव जाने के लिये व्यवस्था की गयी। अवकाश अवधि में स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों, गर्भवती-शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं को सूखा राशन दिया गया। राज्य की हर पंचायत में जरूरतमंदों लोगों के लिये दो क्विंटल चांवल की व्यवस्था की। स्कूलों में आॅनलाइन पढ़ाई के लिये ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर’’ वेब पोर्टल प्रारंभ की गई। अब तक 15 लाख 77 हजार छात्र और 1.65 लाख शिक्षक पंजीकृत हुए हैं।रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे संबंधित कार्यों में बनी तेजी को सराहा है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लाॅकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रूपये की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version