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बिरसा मुंडा ने आज़ादी के सपने को देखा और अंग्रेजों से लिया लोहा

धमतरी | हिंदू समाज के युवाओं, महिलाओं  और गणमान्य नागरिकों ने बिरसा मुंडा की 145वी जयंती रत्नाबांधा स्थित सामाजिक भवन “चित्रोत्पला परिसर” में  मनाई । समाज के प्रमुख लोगों ने बिरसा मुंडा के छायाचित्र में माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया और उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मौजूद सिहावा की पूर्व विधायक पिंकी ध्रुव ने जनजाति समाज के गौरवशाली इतिहास को सबके बीच रखा और बिरसा मुंडा के संघर्षो को भी याद किया। श्रीमति बीथीका बिसवास ने बिरसा मुंडा के जीवन परिचय को रखते हुए कहा कि महज 25 वर्ष की उम्र में बिरसा ने आज़ादी के सपने को देखा था और अंग्रेज़ो से लोहा लिया|

प्रकृति प्रेमी बिरसा ने अंग्रेजो के अत्याचार के विरुद्ध जनजाति समाज को संगठित किया था। फत्तेलाल ध्रुव ने कहा कि बिरसा मुंडा के आह्वान मात्र से जनजाति समाज अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार था। घनश्याम साहू ने कहा कि आज के युवाओ को बिरसा मुंडा से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश सेवा में कार्य करना चाहिए। जिला पंचायत सदस्या खूबलाल ध्रूव ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से जनजाति समाज के प्रमुख महेंद्र नेताम, मोहन पुजारी, मोहनलाल साहू, शुभम जायसवाल, देव नारायण साहू, थानसिंह साहू, सुनील यदु, वेदप्रकाश साहू, चंदराम साहू, कोमल सर्वा, सुमित सहिस और बड़ी संख्या में युवा और महिलाएं शामिल थे।

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