धमतरी| जिले में पिछले कई दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है | लगातार हो रही छिटपुट बारिश से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है | बारिश से धान की फसल को नुकसान हो रहा है। फसल खेतों में गिर गई है। कई जगह खेतों में पानी भरने से फसल भी डूब गई है। अर्ली वैरायटी का धान पककर तैयार है | ग्रामीण अंचलों में कुछ किसानों ने धान कटाई भी प्रारभ कर दिया है लेकिन धूप नहीं निकलने से उनके माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है |धान कटाई कर रहे किसानों को धूप खिलने का इंतजार है। कटाई के दौरान बारिश होती है तो उन्हें दोहरी मार पड़ सकती है | इधर जिला प्रशासन ने राजस्व विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को ख़राब फसल का आकलन कर सर्वे रिपोर्ट बनाने के निर्देश दे दिए है |
गोकुलपुर के किसान विजय यादव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बारिश से फसल बर्बाद होने की कगार पर है| बारिश से धान की फसल लेट हो गई है |धान की बालिया झड़ने लगी है | खेतों में पानी भर गया है जिसे निकालने की कोशिश की जा रही है | खेतों में पानी भरे होने से अंकुरण का भी डर है। वर्तमान में अर्ली वैरायटी किस्म का धान पककर तैयार हो गया है | कई जगह कटाई भी शुरू हो गई है | कटाई के बाद धान को रखने में परेशानी आ रही है | अगर धूप नहीं निकली और फिर से बारिश हो गई तो किसानों की परेशानी और बढ़ सकती है| किसान मौसम के बदलते मिजाज को भांपकर कटाई युद्ध स्तर पर शुरू कर दिए है |
राजपुर के किसान व अधिवक्ता हेमंत सिन्हा ने कहा कि अर्ली वैरायटी धान की कटाई शुरू हो गई है | असमय हो रही बारिश से किसान चिंतित है| बारिश के साथ तेज हवा चलने से खेत में खड़ी फसल को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है| बारिश से मगरलोड क्षेत्र में 25 प्रतिशत किसानों की फसल लेट गई है | इससे धान की बालियाँ झड़ने लगी है | पानी से धान की चमक खराब हो सकती है | उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा| इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा | उन्होंने आगे कहा कि कीटनाशक दवा बेअसर साबित हो रही है | फसलों में कटवा व भूरा माहो बीमारी लग गई है। ऐसे में फसलों को बचाने दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। बदली और बारिश के कारण कीटों पर दवा का असर नहीं हो रहा है। किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। किसान उबर नहीं पा रहे हैं। बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर कर रख दी है। धान पककर तैयार हो चुका है तथा किसान फसल की कटाई की तैयारी में लगे हुए हैं। लेकिन जमीन गीली एवं खेत में पानी भरने से कटाई भी प्रभावित हो रही है।
भटगांव के किसान संतोष साहू ने बताया कि बेमौसम बारिश से किसानों को चिंता सताने लगी है। इस वर्ष धान की बालियां देखकर किसानों को अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी पर तेज हवा और बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। बारिश से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। पानी में गिर चुके पौधे की बालियां अब पक नहीं पाएगी, बल्कि वह सड़ जाएगी। खराब मौसम के चलते फसलों में तरह-तरह की बीमारियां हो रही है जिस पर महंगी से महंगी दवाइयों का भी असर नहीं हो रहा है|