पति की स्मृति में विदेश में निवासरत पत्नी सूर्या बेन ने स्वदेश में चौथे वर्ष भी प्याऊ खुलवाया, कहा – आत्मसंतोष मिलता है

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 धमतरी | समाजसेवा में अग्रणी बिपिन भाई दोशी का, 34 वर्षों से प्याऊ खुलवाकर जल सेवा में अभूतपूर्व योगदान भीषण गर्मी में राहगीरों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से रत्नाबांधा रोड स्थित पीडब्ल्यूडी ऑफिस के सामने शीतल जल प्याऊ का शुभारंभ किया गया। इस प्याऊ का उद्घाटन समाजसेवी बिपिन भाई दोशी एवं गोपाल शर्मा ने स्वास्तिक अंकित कर किया। इस प्याऊ की संचालक, डॉ. सरिता दोशी ने जानकारी दी कि, लॉस एंजिल्स (अमेरिका) में निवासरत, महाराष्ट्र के अमरावती की मूल निवासी श्रीमती सूर्या बेन शेठ ने अपने पति स्व. मनहर भाई शेठ की चतुर्थ पुण्यतिथि के अवसर पर धमतरी शहर के राहगीरों को गर्मी से राहत देने हेतु इस प्याऊ की स्थापना करवाई है। उन्होंने बताया कि यह कार्य श्रीमती शेठ ने अपनी लॉस एंजिल्स की मित्र और छत्तीसगढ़ के धमतरी की मूल निवासी, पूर्व विधायक स्व. जयाबेन दोशी की बेटी श्रीमती कृष्णा बेन वलिया के सुझाव पर किया। यह उनके प्याऊ सेवा का चौथा वर्ष है। गौरतलब है कि स्व. मनहर भाई के पुत्र केतन शेठ ने भी पूर्व में सार्थक स्कूल धमतरी के 50 मानसिक दिव्यांग बच्चों के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था हेतु सहयोग राशि भेजी थी।बिपिन भाई दोशी एवं उनके परिवार द्वारा पिछले 34 वर्षों से गर्मी के मौसम में एक या दो प्याऊ का संचालन किया जा रहा है। श्री दोशी ने बताया कि घर के सामने प्याऊ स्थापित करने से इसके संचालन में सुविधा रहती है। नियमित रूप से मटकों को साफ रखा जाता है तथा जरूरत के अनुसार छना हुआ स्वच्छ और ठंडा पानी भरा जाता है, जिससे राहगीरों को स्वास्थ्यवर्धक पेयजल उपलब्ध हो सके।

समाजसेवा से जुड़ते लोग, प्याऊ के उद्घाटन अवसर पर अरविंद दोशी, मदनमोहन खंडेलवाल, पराग दोशी, नंदन दोशी, पायल खंडेलवाल, गौरव लोहाना, सुनील भारद्वाज, सुलेखा जोशी, ऐश्वर्या खंडेलवाल, धनश्री जोशी, राधिका जोशी, शिवान्या खंडेलवाल, सरिता दोशी,पप्पू,घनश्याम,रिजवान,एवं राजा ने राहगीरों को ठंडा मठा पिलाया। डॉ. सरिता दोशी ने बताया कि, उनके परिवार द्वारा प्याऊ की उचित देखभाल की जाती है तथा जल सेवा कार्य के लिए कर्मचारी भी रखे जाते हैं। साथ ही, इस सेवा को सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित किया जाता है, जिससे अन्य सेवाभावी लोग भी प्रेरित होकर इस प्याऊ सेवा में जुड़ते हैं और मठा, आम पना या शरबत पिलाने में सहयोग करते हैं। इस पुनीत कार्य के माध्यम से समाज में सेवा और परोपकार की भावना को बढ़ावा मिलता है, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक राहत पहुंच सके।