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डॉ सिंग के 30 वर्षीय स्वर्णिम शासकीय सेवाकाल को दी गई यादगार बिदाई

धमतरी | बी सी एस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार पाठक के मार्गदर्शन में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डा अजय कुमार सिंग विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र के सेवानिवृत्ति का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदेय के समक्ष दीपप्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर की गई। तत्पश्चात श्री पी सी चौधरी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी के द्वारा डा सिंग के अभिनंदन पत्र का वाचन किया गया जिसके अंतर्गत डा सिंग 01.08.1994 में महाविद्यालय मे पदस्थ हुये। 2007 से अब तक रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे थे। डा सिंग महाविद्यालय के दो महत्वपूर्ण कार्य यूजीसी एवं ईग्नू में प्रभारी की भूमिका मे रहे। अपने 30 वर्ष 6 माह के सुखद सेवाकाल को आज पूर्ण कर रहे है। उद्बोधन सत्र में सेवानिवृत्त प्राध्यापक श्री सुरेश देशमुख ने उद्बोधित किया डा सिंग एक बेहद कुशल शिक्षक हैं और शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले नए बदलावों के साथ खुद को हमेशा अपडेट रखते हैं। उनके अनुशासित और प्रतिबद्ध कार्य उन्हें दूसरों से अलग बनाते हैं। डा अमरसिंह साहू सहायक प्राध्यापक बीजापुर ने अपने वक्तव्य में सिंग सर के साथ व्यतित किये हुये समय का स्मरण किया सर की सरलता एवं सादगी पूर्ण जीवन की व्याख्या की तथा कहा कि आपकी जीवंत ऊर्जा और समर्पण ने एक अमिट छाप छोड़ी है। प्राचार्य डा विनोद कुमार पाठक ने उद्बोधित करते हुए सर्वप्रथम शांतिपूर्ण, उल्लेखनीय उपलब्धिपूर्ण, सफलतापूर्वक एवं निर्विवाद राजकीय सेवा पूर्ण करने पर हृदय की अनंत गहराईयों से एवं उनके सुखद ओजस्वी, गरिमायुक्त व स्वस्थ भविष्य के लिये हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा सही मायने मे एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नही होता। महाविद्यालय से भले ही सेवाकाल पूर्ण हो जाये, मगर एक शिक्षक आजीवन अपने चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैलाया करते है। डा सिंग के अथक परिश्रम के चलते आज उनके पढ़ाये बहुत से विद्यार्थी उच्च पदों पर पदस्थ है यही उनकी पूंजी है। डा अजय कुमार सिंग विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र ने संबोधित करते हुये कहा कि सर्वप्रथम मैं आप सभी महाविद्यालय परिवार को आज के सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित करने एवं यहाँ उपस्थित होने के लिए धन्‍यवाद कहना चाहता हूं |
आप सभी की उपस्थिति नें इस विदाई समारोह को मेरे लिए एक यादगार पल बना दिया है | समस्त  महाविद्यालयीन स्टाफ के सहयोग से 30 वर्ष 6 माह का मेरा शासकीय सेवाकार्य पूर्ण हुआ। मै अब अपनें सहकर्मियों के लिए दो शब्द कहना चाहूँगा, साथियों आप सभी के साथ बिताए हुए पल मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पलों में से एक हैं | आप सभी नें सदैव मेरा साथ दिया है | इस कार्यालय में व्यतीत किये हुए लम्हों को मैं कभी नहीं भूला सकता| अब मैं अपने रसायनशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापकों लिये कहना चाहूंगा हमने विषम से विषम परिस्थियों में भी कार्य किया है और उन्होंने हमेशा स्वयं से अधिक कार्य को प्राथमिकता दी है और विभाग को आगे बढ़ाया है हम सभी ने परिवार की तरह विभाग को चलाया है। आदरणीय समस्त श्रोतागण, यह महाविद्यालय मेरे लिए एक मंदिर कि भांति है और मैनें यहाँ 100 प्रतिशत देने की कोशिश की है और अंत में मैं इस महाविद्यालय में उपस्थित अपने हर एक साथी का धन्‍यवाद करना चाहता हूं, जिन्होनें हमेशा कंधे से कन्धा मिलाकर मेरा साथ दिया और मुझे इस मुकाम तक पहुचाया। श्री पी सी चौधरी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने वक्तव्य मे बताया कि डा सिंग सर ने अपनी जिम्मेदारियों को पूरी प्रतिबध्दता के साथ निभाया वह अद्भुत प्रतिभा के धनी है। उनका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक और उच्च कोटी का है। डा हेमवती ठाकुर सहायक प्राध्यापक इतिहास विभाग ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुये बताया  कि उनका नेतृत्व कौशल तथा शैक्षणिक उपलब्धियां हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रही हैं और हमने उनसे जो भी सीखा है उसके लिये हम उनके आभारी है। श्रीमती अनुपमा सिंग , डा सिंग की जीवनसंगिनी ने अपने वक्तव्य में बताया कि डा सिंग खुली किताब सा व्यक्तित्व रखते है। अपने कार्य के प्रति निष्ठावान है विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुये उन्होने कभी अनावश्यक अवकाश नही लिया तथा महाविद्यालयीन कार्य को सर्वप्रथम प्राथमिकता दी।श्रीमती सरोज प्रसाद विभागाध्यक्ष गृहविज्ञान ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस आयोजन के तहत हम डा सिंग के पूरे कार्यकाल को सम्मानित करते है और उनके महाविद्यालय को दिये गये शानदार योगदान के लिये धन्यवाद ज्ञापित करते है। श्री दुर्गेश प्रसाद सहायक प्राध्यापक विधि विभाग ने बताया कि डा सिंग सर के साथ बितायी कई यादें हमें ईनाम के तौर पर मिले है, यह यादे हमें तमाम तजुर्बे दे गई। आपका व्यवहार ही आपकी पहचान है जिससे सेवानिवृत्त होकर भी आप प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हम सभी से सदैव जुड़े रहेंगे। श्री खेदूराम भारती हिन्दी विभाग ने अपनी कविता के माध्यम से डा सिंग सर के व्यक्तित्व के वर्णन की माला पिरोई एवं बिदाई के भावुक पलो को संजोया। श्री एन एस देहारी ने अपने उद्बोधन में बताया कि आपकी विदाई हमें जरूर खलेगी, लेकिन आपकी दी हुई सीख हमेशा हमारे साथ रहेगी। आपने अपने सेवाकाल में उत्कृष्टता का उच्चतम मानक स्थापित किया है। डा सपना ताम्रकार विधि विभाग ने कहा कि डा सिंग सर अद्वितीय व्यक्तित्व, विचार और प्रतिभा के धनी हैं। श्री कोमल प्रसाद यादव सहायक प्राध्यापक विधि विभाग ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके नेतृत्व और मार्गदर्शन ने हमें हमेशा प्रेरित किया है। आपकी मेहनत, निष्ठा और समर्पण ने हमें हमेशा नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। डा पंकज जैन सहायक प्राध्यापक विधि विभाग ने अपने वक्तव्य में बताया कि डा सिंग की निर्णय लेने की क्षमता, दूरदर्शिता और सशक्त प्रबंधन ने रसायन विभाग को एक नए आयाम में पहुँचाया है। श्री संजय राठौर  लैब तकनीशियन जुलाजी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये बताया कि आपने पूरे सेवाकाल में मेहनत और दृढ़संकल्प से हमारे महाविद्यालय को उच्च शिखर पर पहुँचाया। हमें सिखाया कि सफलता केवल मेहनत से नहीं, बल्कि लगन और ईमानदारी से मिलती है। श्री अमित कुमार साहू सहायक प्राध्यापक रसायनशास्त्र ने अपने वक्तव्य में बताया कि डा सिंग सर उनके लिये पितातुल्य है उनके मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से मैने सफलता को प्राप्त किया है। सर विद्यार्थियों के लिये ज्ञान पुंज, सहकर्मियो के लिये सहयोगी एवं नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण है। ईश्वर ने आपके सानिध्य में भेजकर हमें एक दिव्य पथप्रदर्शक और कुशल अभिभावक प्रदान किया है। डा तामेश्वरी साहू अर्थशास्त्र विभाग ने आभार प्रकट करते हुये कहा कि डा सिंग सर की बिदाई हमारे लिए एक खालीपन छोड़ जाती है, लेकिन हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं कि उनका अगला सफर उतना ही शानदार हो जितना कि उनका हमारे साथ रहा। संपूर्ण बिदाई समारोह के मंच संचालन का कार्यभार डा सरला द्विवेदी सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान विभाग ने संभाला। समस्त महाविद्यालयीन परिवार की तरफ से डा अजय कुमार सिंग को अश्रुपूरित बिदाई देकर उनके उत्तम स्वास्थ्य की शुभकामनाएं प्रेषित की गई। इस अवसर में डा चन्द्रिका साहू, श्रीमती ग्रेस कुजूर, श्री अमरसिंह साहू, श्री कृष्णकुमार देवांगन, श्री दूजराम टंडन ,डा राकेश कुमार, डा सीमा साहू, आकांक्षा मरकाम, डा वेदवती देवांगन, निरंजन कुमार, गोविंद प्रसाद, भीखम, आकांक्षा कश्यप, किशोर चेलक, रश्मि कुजूर उपस्थित रहे।
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