गणेश पण्डाल में एक साथ 20 से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित नहीं होंगे

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जिला दण्डाधिकारी जयप्रकाश मौर्य ने जारी किया आदेश

धमतरी | कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जयप्रकाश मौर्य ने आगामी 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी के मद्देनजर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जारी आदेश के तहत सभी को मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तथा गणेश पंडाल में समिति द्वारा प्रत्येक दो-तीन घंटे में सैनेटाईजेशन किया जाना अनिवार्य होगा। गणेश पंडाल में 60 वर्ष से अधिक एवं थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य अथवा विशेष लक्षण पाए जाने पर प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी। गणेश पंडाल में ध्वनि विस्तारक यंत्र मानक स्तर पर चलाए जाने की अनुमति है। साफ तौर पर कहा गया है कि गणेश पंडाल में एक साथ 20 से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित नहीं होंगे।
यथासंभव मूर्ति की साइज छोटी हो एवं अधिकतम चार फीट से कम हो।

पंडाल की साईज 15×15 से कम होगी। रात्रिकालीन आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे। पंडालों के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी, ताकि अनावश्यक भीड़ नहीं हो। प्रत्येक गणेश पंडाल में थर्मल स्क्रिनिंग, हैण्डवाॅश, सैनेटाइजर का उपयोग किया जाना आवश्यक है। आयोजन समिति द्वारा पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जाए। आयोजन समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी, जिसमें एकत्रित होने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जाए तथा चार सीसीटीवी लगाए जाएंगे, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। आयोजन समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था की जाए। यदि कोई व्यक्ति उक्त आयोजन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो ईलाज का पूरा खर्च आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा अवधि के दौरान भी उक्त क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाता है, तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।
बताया गया है कि मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी प्रकार के भोज, भण्डारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत अथवा कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक, रास्ते में कही रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगरपालिक निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन मेन रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। उक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम सात दिन पहले नगरपालिक निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेशों के तहत जारी एसओपी एवं छत्तीसगढ़ शासन के आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। साफ तौर पर कहा गया है कि निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्या धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।