केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा , किसानों ने पुरुर के पास NH 30 में किया चक्काजाम, रायपुर- जगदलपुर मार्ग बाधित , 9 को गांधी मैदान धमतरी में जेल भरो कार्यक्रम

431

धमतरी | धान के मुद्दे  को  लेकर  केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी  है। किसानो ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को नेशनल हाईवे पुरूर में प्रदर्शन किया |  किसानों के चक्काजाम से  रायपुर- जगदलपुर मार्ग बाधित रहा | काफी देर बाद यातायात बहाल  हुआ | उल्लेखनीय है कि धमतरी के गांधी मैदान में छत्तीसगढ़ किसान यूनियन जिला धमतरी द्वारा 28 अक्टूबर से एक नवम्बर से धान की खरीदी एवं खुले बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे लेने पर सजा का प्रावधान और पूर्ण कर्जामाफी व अन्य मुद्दों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे थे| धरना  1 नवंबर को समाप्त किया गया और उसी दिन प्रदेश छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने समर्थन देने तथा देशव्यापी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता कायम करते हुए राज्यव्यापी किसान आंदोलन की रणनीति 25 संगठनों के समन्वय से बनी | छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल गांधी मैदान में एकजुट हुए| वहां से उनका कारवां पुरूर की ओर बढ़ा| नेशनल हाईवे पुरूर में सैकड़ों किसानों ने चक्काजाम किया। किसानों ने 9 नवंबर को गांधी मैदान धमतरी में जेल भरो कार्यक्रम करने का निर्णय लिया |

किसान नेता लीला राम साहू , किशन साहू ने केंद्र और राज्य की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेसी विपक्ष में थी तब उन्होंने 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था को लागू करने की वकालत की थी और एक- एक दाना धान खरीदने की मांग करती थी परंतु जब सत्ता में है तब किसानों की मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है| सरकार द्वारा आयोजित विधानसभा में विशेष सत्र से किसानों को उम्मीद थी कि किसानों को पंजाब सरकार की तर्ज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिलेगी लेकिन निराशा हाथ लगी  वहीं दूसरी ओर भाजपा धान खरीदी के नाम पर केवल राजनीति कर रही है ।

क्योंकि वह सत्ता में थी तो 2015 में धान खरीदी की सीमा 25 क्विंटल से घटाकर 10 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी और किसान आंदोलन के दबाव में 14 क्विंटल 80 किलो प्रति एकड़ किया जो आज भी जारी है| इस प्रकार 10 क्विंटल प्रति एकड़ का नुकसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया था और जब  2009 में किसान धमतरी में बोनस और समर्थन मूल्य के लिए लड़ रहे थे उसके ऊपर लाठी चार्ज किया गया | इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को बोलने का अधिकार नहीं है |भाजपा की केंद्र सरकार किसानों को सभी जगह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के मूड में नहीं है | ऐसे में किसान दोनों दलों के राजनीतिक पाट में पीसे जा रहे हैं |