धमतरी| स्वास्थ्य विभाग द्वारा जैपनीज इंसेफ्लाइटिस नामक बीमारी के उन्मूलन को लेकर टीकाकरण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया जिसमें इसके कारण और टीकाकरण पर प्रकाश डाला गया। राज्य टीकाकरण अधिकारी डाॅ. ए.एस. साहू द्वारा बताया गया कि यह एक प्रकार का वायरल इंसेफलायटिस (मस्तिष्क ज्वर) है। फ्लैवी वायरस नामक विषाणु इंसानी शरीर को प्रभावित करता है। क्यूलेक्स मच्छर की प्रजाति इसे इंसानों में फैलाती है। संक्रमित मच्छर के काटने से बीमारी का फैलाव मलेरिया की तरह ही होता है। इसके विषाणु घरेलू पालतू जानवरों में पाए जाते हैं।
जैपनीज इंसेफ्लाइटिस के बारे में कार्यशाला में जानकारी देते हुए बताया गया कि भारत में दक्षिण के प्रदेशों में छिटपुट प्रकरणों की साल भर जानकारी मिलती है, लेकिन उत्तर भारत में महामारी के आउटबे्रक की तरह हर वर्ष गर्मी एवं मानसून में उभरता है। यह बीमारी मुख्य तौर पर बच्चों (1 वर्ष से 15 वर्ष) में होने की आशंका ज्यादा) होती है। हालांकि अन्य उम्र वाले भी इससे प्रभावित होते हैं।