बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज,  पिता को दी मुखाग्नि 

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नगरी | बेलरगांव में बेटियों ने आज बेटे का होने का फर्ज निभाया| पिता की मौत होने पर बेटियों ने मुखाग्नि दी| यह दृश्य देखकर हर किसी की आँखे नम हो गई | बेलरगांव के किसान बसन्त देवांगन 52 वर्ष कई दिनों से बीमार थे| लंबे इलाज के बाद आज सुबह उनका निधन हो गया | बसन्त देवांगन का कोई भी पुत्र नही है | वे तीन पुत्रियों के पिता है,जिनमे दो का विवाह हो चुका है।छोटी पुत्री मोनिका देवांगन अपने माता पिता के साथ   रहती है। पिता की मौत के बाद दोनो विवाहित पुत्रियां दुर्गेश्वरी देवांगन व सिम्पू देवांगन अपने मायके पहुँच गई।


बसन्त देवांगन की मौत के बाद सामाजिक जन व ग्रामवासियो ने मिलकर अंतिम यात्रा निकाली।अंतिम क्रिया क्रम के लिए सभी ने एक राय होकर बड़ी पुत्री दुर्गेश्वरी देवांगन को मुखाग्नि देने को कहा| भरी आंखों व बोझिल मन से बड़ी पुत्री ने बेटे का फर्ज निभाया व अपने दिवंगत पिता को मुखाग्नि देकर समाज के सामने  एक उदाहरण पेश किया जो आज भी बेटे और बेटियों के बीच फर्क समझते  हैं।