
धमतरी | ग्रामवासियों द्वारा उनका भव्य स्वागत कर उन्हें मड़ई मंच तक ले जाया गया,जहाँ यादव समाज द्वारा उनका पारम्परिक ढंग से भव्य स्वागत किया गया,यादव समाज के वरिष्ठजनों के आग्रह पर वे उनके पारम्परिक नृत्य राउत नाचा में भी सम्मिलित हुए और सजी हुई लाठियां लेकर उनके साथ नृत्य भी किया,इसके बाद उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि धमतरी जिला के हृदय स्थल छाती में यह आयोजन किया गया है,यह गांव और यहाँ के लोगों ने मिलकर ना सिर्फ इस परंपरा को जीवित रखा है बल्कि इसमें और जीवंतता भर दी है।हमारे राज्य में मड़ई का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। बोलचाल की सामान्य भाषा में मड़ई शब्द का अर्थ मेलजोल व भेंट से है। मड़ई हमारी संस्कृति की विरासत है जिसे हम एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित करते हुए चले आ रहे हैं।
इस उत्सव का प्रमुख उद्देश्य खरीफ फसल कटाई के बाद अपने देवी-देवताओं का धन्यवाद ज्ञापित करना तथा अपने मित्रों प्रियजनों से भेंट करने का एक उत्सव है,जिसे हम सैकड़ों साल से मनाते चले आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मेला मड़ई धर्म कर्म व संस्कृति की महत्ता को अपने साथ लिए हुए आदि काल से चली आ रही है। जिसमें इष्ट मित्रों और रिश्तेदारों से भेंट के साथ-साथ दैनिक काम और रोजमर्रा की भाग- दौड़ से कुछ फुर्सत के क्षण अपने संबंधों को यादगार के रूप में समेटने के लिए भी मिल जाते है, मड़ई हमारे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल की परंपरा का प्रतिबिंब है।इसके बाद ग्रामवासियों ने उन्हें माँ दंतेश्वरी और भगवान राम के मंदिर लेजाकर पूजा अर्चना में सम्मिलित किया जहाँ उन्होंने अंचल की समृद्धि और प्रगति की प्रार्थना की,इस कार्यक्रम में युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष हितेश गंगवीर, कांग्रेस आई टी सेल जिला अध्यक्ष तुषार जैस,राकेश देवागंन सरपंच,शिव चंद्राकर पंच,विश्राम कंवर,पवन बघेल,मोहन ध्रुव, प्रभुदयाल मेशपाल,पोखन चंद्राकर,राम कुमार ध्रुव,सुखीराम ध्रुव,मानसिंग ध्रुव,मन्नू लाल कंवर, बासन कंवर,राजेन्द्र चंद्राकर,डोमार पटेल,कालू राम साहू,नेतराम यादव,रमेश यादव,प्रीतम साहू सहित समस्त ग्रामवासी एवं बड़ी संख्या में मड़ई देखने आए लोग उपस्थित रहे।