किसान विरोधी काला कानून वापस लेकर एमएसपी का कानूनी अधिकार देने वाला बिल पास करें केंद्र सरकार:  शत्रुहन सिंह

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धमतरी | केन्द्र सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी  ने इस काला कानून को वापस लेने की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन किया गया |इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन  किया गया| धमतरी मे कंटेंनमेंन जोन घोषित होने के कारण जिला प्रशासन के निर्देशों एवं क्षेत्रवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने घर के सामने डिजिटल मीडिया के माध्यम से ही विरोध कर इस काला कानून को वापस लेने महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर धमतरी को व्हाट्सएप के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया |धमतरी जिला में अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू, तेजेंद्र तोड़ेकर, निशांत भट्ट, चेतन साखरे, ललित नगारची ,संजय सिन्हा, नीरज साहू, विनोद साहू, सतवंत महिलांग, शेर सिंह घोघ, सत्यमपुरी गोस्वामी, कृष्णकांत कुंजाम, चंद्रहास साहू, संतोष मौर्य, प्रद्युमन साहू एवं सैकड़ों क्रांतिकारी आप कार्यकर्ता  ने अपने-अपने घर के सामने तख्ती ले काली पट्टी बांधकर लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए प्रदर्शन किया |

अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू प्रदेश सहसंयोजक ने कहा कि देश के किसानों और विपक्ष की आवाज को अनसुनी कर पूंजीपतियों के दवाब में केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बावजूद भी असंवैधानिक तरीके से कृषि बिल 2020 पास किया है । देश के किसानों में आक्रोश व्याप्त है जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी पूरे देश में विरोध दिवस मना रही है | 25 सितम्बर को किसानों के द्वारा भारत बंद के आहवान को पूरा समर्थन करती हैं| केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिल के संबंध में जो बातें कही जा रही है वह किसानों को गुमराह करने वाली है। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होगा बल्कि उनकी उपज पर कंपनियों का कब्जा हो जाएगा | जिसका फायदा बड़े-बड़े उद्योगपति उठाएंगे और किसान की  फसल औने पौने दामों पर खरीद कर जमाखोरी के पश्चात अत्यधिक ऊंचे दामों पर उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगी जिससे महंगाई भी बढ़ेगी |
तेजेंद्र तोड़ेकर प्रदेश अध्यक्ष यूथ विंग एवं निशांत भट्ट प्रदेश उपाध्यक्ष यूथ विंग ने कहा कि केंद्र सरकार को किसान हित में एमएसपी का कानूनी अधिकार देने वाली बिल पास कर किसानों के हित में फैसला लेना चाहिए था परंतु पूंजीपतियों के इशारे में किसान विरोधी बिल लाया गया  है  जिसे वापस ले| चेतन साखरे जिलाध्यक्ष, ललित नगारची, संजय सिन्हा जिला उपाध्यक्ष विनोद साहू ने कहा कि यह बिल कृषि उत्पादों को भंडारण करने का कानूनी अधिकार देता है जिससे जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगी| वस्तुओं की कीमत पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहेगा जिसका सीधा असर आम उपभोक्ता पर पड़ेगा | कंपनियां किसान के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर जमींदार की तरह किसानों से फसल उत्पादन करवायेगी और मुनाफा कमायेंगी । अधिकांश किसान पढ़े- लिखे नहीं हैं | उनको ये कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के जाल में फंसाकर लगातार शोषण करेगी |यही कारण है कि देश भर के किसान व किसान संगठन इन किसान विरोधी बिलों का विरोध कर रही है । आम आदमी पार्टी ने किसानों के हित में  किसान विरोधी बिल को वापस लेने केंद्र सरकार से अपील  की है |