धमतरी | सुभाषचंद्र बोस की पुण्यतिथि पर सिहावा चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर महापौर विजय देवांगन, सभापति अनुराग मसीह, पार्षद जनो एवं एल्डरमेन द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया । महापौर विजय देवांगन ने कहा कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा यह नारा देने वाले महान क्रांतिकारी और आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। दिसंबर 1927 में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के बाद 1938 में उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कहा था – मेरी यह कामना है कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में ही हमें स्वाधीनता की लड़ाई लड़ना है।
सभापति अनुराग मसीह ने कहा कि बोस ने आजादी के आंदोलन को एक नई राह देते हुए युवाओं को संगठित करने का प्रयास पूरी निष्ठा से शुरू किया । इसकी शुरुआत 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर में ‘भारतीय स्वाधीनता सम्मेलन’ के साथ हुई। 5 जुलाई 1943 को ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन हुआ। 21 अक्टूबर 1943 को एशिया के विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीयों का सम्मेलन कर उसमें अस्थायी स्वतंत्र भारत सरकार की स्थापना कर नेताजी ने आजादी प्राप्त करने के संकल्प को साकार किया। 12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी ने मार्मिक भाषण देते हुए कहा- ‘अब हमारी आजादी निश्चित है, परंतु आजादी बलिदान मांगती है। “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।” यही देश के नौजवानों में प्राण फूंकने वाला वाक्य था, जो भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। स्वतंत्र भारत की अमरता का जयघोष करने वाला, भारत मां का दुलारा सदा के लिए राष्ट्रप्रेम की दिव्य ज्योति जलाकर अमर हो गये। कार्यक्रम में एम.आई.सी. सदस्य चोवाराम वर्मा, पार्षद दीपक सोनकर, सोमेश मेश्राम, सूरज गहरवाल,गजानन्द रजक, योगेश शर्मा, तोमन कंवर, नारायण यादव,देवेंद्र आजमानी, शिवओम बैगा नाग, नरेंद्र जैन, विनोद राठौड़ भी मौजूद थे |