अबूझमाड़ की झाड़ू से चकाचक हुई दिल्ली,राजधानी दिल्ली से 35 हजार माड़ के झाड़ू की हुई थी मांग

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समूह की महिलाओं को हुआ 5 लाख 80 हजार का शुद्ध लाभ
 
नारायणपुर | नारायणपुर जिले की महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम करने में वनविभाग का प्रयास सफल होने लगा है। जिला लघुवनोपज सहकारी संघ द्वारा मां दंतेश्वरी, दुर्गा मंडली एवं गणेश मंडली समूह की महिलाओं को 1.75 लाख रूपये प्रति समूह के हिसाब से तीन समूहों को 5 लाख 25 हजार रूपये कच्चा फूल झाड़ू घास क्रय हेतु प्रदाय किया गया था। जिला लघुवनोपज संघ के महिला स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित झाडू की सप्लाई छत्तीसगढ़ के अलावा देश की राजधानी दिल्ली नाफेड द्वारा 35 हजार नारायणपुर (अबूझमाड़) में निर्मित झाड़ू की मांग की गयी थी। जो समय रहते पूरी की गयी। माड़ की झाड़ू का योगदान देश की राजधानी दिल्ली को चकाचक करने में रहा है। छत्तीसगढ़ लघुवनोपज और नाफेड दिल्ली से 35 हजार नग माड़ की झाडू़ की मांग आयी थी। जिसे 34 रूपये प्रति नग के मान से बेचा गया। जिससे 11 लाख 90 हजार की राशि प्राप्त हुई थी। प्राप्त राशि स्व सहायता समूह की महिलाओं को 5 लाख 79 हजार 457 रूपये का शुद्ध लाभ हुआ। समूह की महिलाओं को अधिक लाभ होने से चालू वर्ष में अधिक मात्रा में कच्चा फूल झाड़ू घास क्रय कर बड़ी संख्या में झाड़ू निर्माण की योजना है। समूह की महिलाओं ने राज्य सरकार और वन विभाग का शुक्रिया अदा किया।
समूह की महिलाओं को पिछले वित्तीय वर्ष 35 हजार नग झाड़ू नापेड को प्रदान करने का जिम्मा सौंपा गया था। बता दें कि ओरछा में प्रत्येक महिला स्व सहायता समूह के अध्यक्ष और सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी का संयुक्त खाता कोपरेटिव बैंक में खोला गया है। जिसमें दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर कर खाता से पैसा आहरण कर ओरछा के समूह कच्चे फूल झाड़ू की खरीदी करती हैं। व कुछ लाभ लेकर नारायणपुर के जगदम्बा समूह को बेचती हैं। पहले अबूझमाड़ के ग्रामीणों को इसका सही दाम नहीं मिल पाता था। वहीं बिचौलिये झाड़ू के कच्चे माल को बेचकर अच्छे दाम कमा लेते थे। वन विभाग द्वारा नारायणपुर में प्रसंस्करण केन्द्रों की शुरूआत की गयी। दूरस्थ ईलाके के 10-12 अंचल के करीब 1500 संग्राहकों द्वारा फूल झाड़ू का संग्रहण कर इसका महिला स्व सहायता समूह को बेचा जाता है। प्रसंस्करण केन्द्र में 3 महिला स्व सहायता समूह कार्य कर रही हैं। इसमें दंतेश्वरी, दुर्गा मंडली और श्री गणेश मंडली है। इन तीन महिला स्व सहायता समूह में लगभग 33 महिलायें शामिल हैं। इनके द्वारा बनाये गये झाड़ू थोक और चिल्हर दर से स्थानीय और बाहरी व्यापारियों को भी बेचा जाता है। समूह के द्वारा आज की स्थिति में कुल 59200 नग पाईप झाडू एवं 27300 नग केन झाड़ू इस प्रकार कुल 86500 नग झाड़ू बनायी गयी थी।