
धमतरी | सिहावा चौक स्थित जैन स्थानक भवन में महासती डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा. ठाणा 2 द्वारा मंगल प्रवचन दिया जा रहा है। जिसके तहत आज पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन उन्होने अंतगड सूत्र का बहुत सुन्दर वाचन किया गया। जिसमें तप की महिमा का बखान किया गया। तप आराधना की क्रिया बताते हुए उन्होने कहा कि तप में धीरता व पवित्र से पावन होने का अर्थ समाया है। वहीं आराधना में अ से आज्ञा का पालन होना, र से रागद्वेष रहित होना, ध से धर्म और मोक्ष संबंध, ना से नाम नहीं अनाम पद की प्राप्ति, पर्व प्रवचन (तपता कर्म क्षयते) अर्थात तप से कर्म क्षय होते है। पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व में अपने जीवन की मलीनता को दूर किया जा सकता है। जिस प्रकार घर की सफाई के लिए झाडू की आवश्यकता होती है उसी प्रकार तप रुपी झाडु से अन्तर आत्मा के कचरे को साफ किया जाता है। प्रवचन के पश्चात विभिन्न धार्मिक प्रतियोगिताएं हो रही है। जिसमें आज खोलो ज्ञान का ताला पाओं मोक्ष उजाला, प्रवचन उपरांत मुद्राओं को करो धारण जीवन बनाओं पावन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। सामूहिक एकाशना की व्यवस्था वर्धमान स्थानक संघ द्वारा रोजाना कराई जा रही है। 12 घंटे नवकार तप लगातार जारी है। जिसमें 6 लक्की ड्रा निकाले जा रहे है। तेले का क्रम निरतंर जारी है। सुनीता माल ने 10 उपवास का प्रत्याख्यान लिया। क्षमायाचना कार्ड व अंतगड सूत्र का प्रश्न पत्र 3 सितम्बर तक जमा कराये जाना है। प्रवचन का श्रवण करने बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे।
पर्यूषण पर्व के तहत रोजाना हो रहे धार्मिक कार्यक्रम चातुर्मास के तहत पर्यूषण पर्व की 24 अगस्त से शुरुआत हो चुकी है। जिसके तहत रोजाना प्रवचन के साथ ही विविध धार्मिक कार्यक्रम हो रहे है। व्याख्यान के पश्चात 24 को आध्यात्मिक टीवी, स्मरण शक्ति 25 को गुणी का गुणो से मिलना, 63 श्लाषवीय पुरुषो की ट्टाऊजी, आज 26 अगस्त को बड़ी साधु वंदना पर आधारित प्रश्न, मुद्राओं को करो धारण जीवन बनाओं पावन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। वहीं 27 अगस्त को सवाल अजब जवाब गजब, नवकार का करो ध्यान, 28 को करो प्रतिक्रमण घटाओं भव भ्रमण, पांच पदो में एक पद को चुनो, 29 को यह शब्दो का जाल जो ढुंढे वह निहाल, स्तवन प्रतियोगिता, 30 को खोलो ज्ञान का ताला पाओं मोक्ष उजाला, बड़ी साधु वंदना पर आधारित अंताक्षणी, 31 को संवत्सरी महापर्व की आराधना की जायेगी। उक्त सभी कार्यक्रम के प्रभारी स्वाति मिन्नी, ऋतु चौरडि़य़ा, कविता लोढ़ा, वंदना चौरडिय़ा, रेखा गोलछा है।