डुबान प्रभावित ग्रामीण अस्थायी रूप से भानपुरी में होंगे अनिश्चितकालीन निवासरत

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धमतरी | ज्ञात हो कि सन 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल के दौरान जब गंगरेल बांध का निर्माण किया गया तब हजारों परिवारों को जो डुबान से प्रभावित हो रहे थे उनको उचित मुवावजा एवं विस्थापन के लिए प्रधानमंत्री तथा शासन प्रशासन से आश्वासन दिया गया था, लेकिन वर्तमान समय तक डुबान प्रभावित परिवार अपने पुनविस्थापन तथा मुवाओजे के लिए कभी हाईकोर्ट कभी सुप्रीमकोर्ट तो कभी जिला प्रशासन का मुंह ताकते रहते हैं।

हालाकि माननीय उच्च न्यायालय के फैसला डुबान प्रभावितों के हित को ध्यान में रखते हुए दिनांक 16-12-2020 को यह फैसला जिला प्रशासन को आदेश जारी किया गया था की 3 महीनो के भीतर डुबान प्रभावित परिवारों को विस्थापन के लिए स्थान चिन्हांकित करके उन लोगों को विस्थापित किया जाए।

लेकिन अभी तक जिला प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेशों को ताक में रखते हुवे आदेशों का अवमानना करते नजर आ रही है जिससे डुबान प्रभावित परिवारों का यकीन जिला प्रशासन से पूर्ण तरीका से उठ चुका है तथा अपने दैनिक जीवन यापन एवं आशियाना के लिए भानपुरी में अस्थायी रूप से जब तक जिला प्रशासन उनको विस्थापन के लिए जगह चिन्हांकित करके नहीं दे देते तब तक उसी पर अस्थायी रूप से निवासरत रहेंगे जिसकी जानकारी जिला प्रशासन को पूर्व में ही 14-07-2023 को दे दिया गया था जिस पर अभी तक शासन प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने से डुबान प्रभावित परिवार हताश एवं उदास नजर आ रहे हैं,
उपरोक्त जानकारी गंगरेल डुबान प्रभावित जनकल्याण समिति के द्वारा प्रेषित किया गया है।