नगर निगम महापौर विजय देवांगन ने भी गुरुदेव अरविन्द श्रीमाली से लिया आशीर्वाद
धमतरी (राजेश रायचुरा )। बीते 29 जनवरी को मां विंध्यवासिनी धनवर्षिणी तारा महाविद्या साधना शिविर का आयोजन धमतरी में अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार एवं मां भगवती नारायण सेवा समिति द्वारा किया गया था उसमे गुरुदेव से आशीर्वाद लेने धमतरी के महापौर भी पहुचे उन्होंने भी साधक परिवार को गुरदेव से आशीर्वाद लेने के बाद अपने संबोधन में कहा की धमतरी धर्म की नगरी है इसमें इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए उन्होंने कहा गुरुदेव ऐसा आशीर्वाद दे की धमतरी में अमन चैन एवं शांति बनी रहे एवं धमतरी दिनोदिन विकास एवं तरक्की की राह में निरंतर आगे बढता रहे महापौर के साथ आलोक जाधव जी भी थे . बसंत पंचमी के पावन अवसर पर मां भगवती नारायण सेवा समिति अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम के गुरूदेव श्री अरविदं श्रीमाली ने धमतरी के पावन धरा पर आकर साधकों को शक्तिपात एवं साधना दीक्षा देकर लोगों को अपना आर्शिवाद दिया। लगभग 15 सौ से अधिक साधकों ने गुरू देव अरविंद श्रीमाली से शक्तिपात कराये एवं 9 सौ से हजार के बीच साधकों ने गुरूदेव श्रीमाली से शक्तिपात ग्रहण कियें। बसंत पंचमी के अवसर पर धमतरी में अंतर्राष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार एवं मां भगवती नारायण सेवा समिति द्वारा मां विंध्यवासिनी धनवर्षिणी तारा महाविद्या साधना शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पहुंचे गुरूदेव अरविंद श्रीमाली ने साधकों को दीक्षा देकर साधना कराई। बसंत पंचमी महोत्सव के तहत महाविद्या साधना शिविर हरदिहा साहू समाज भवन परिसर में बुधवार को आयोजित किया गया। निखिलेश्वरानंद (डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली) के आशीर्वाद, वंदनीय माता भवगती देवी श्रीमाली की छत्रछाया में गुरूदेव अरविंद श्रीमाली के सानिध्य में यह शिविर संपन्न हुआ। शिविर में साधकों को संबोधित करते हुए गुरूदेव अरविंद श्रीमाली ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सभी के जीवन में सद्गुरू प्राप्त हो। गुरू लोगों को जीवन में आगे बढ़ाते हैं। सद्गुरू की प्राप्ति कर्म पर निर्भर करता है। सवाल है कि हम गुरू को कैसे पहचानें। गुरू सामान्य जीवन व्यतीत करने वाला हो। किसी के प्रति मन में आक्रोश न हो। अपने शब्दों को लोगों के हृदय में उतार दे। लोगों को आनंद आए। वे हमारे प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दे सके। हमारे प्रत्येक क्षण में, सुख-दुख में, चिंतन में हमेशा साथ हो। उन्होंने कहा जिस तरह शरीर और आत्मा का विलय होता है वेसे ही गुरू और शिष्य में मिलाप होना चाहिए। जीवन में एकाकार होना पड़ेगा। शिविर में लगभग 1500 साधकों को गुरू दीक्षा और एक हजार लोगों को धनवर्षिणी साधना दीक्षा दी गई। शिविर को सफल बनाने एनसी निराला, एनके कंवर, दिलीप मीनपाल, सत्यनारायण मीनपाल, देवप्रसाद देवांगन, डोमार नाग, केशव देशमुख, डोमार लाल, संजू तिवारी, कौशल गजमल्ला, धरम साहू, दुष्यंत पटेल मगरलोड, अमृत सिन्हा नगरी, नरोत्तम साहू बेलर, विषय लाल, भरत निर्मलकर, गयाराम नवरंगे, अशोक कंवर आदि जुटे रहे।